संस्कार लोक गुरुकुलम् का अष्टदिवसीय चतुर्थ वार्षिक महोत्सव धूमधाम से प्रारंभ
वृन्दावन।चैतन्य विहार फेस-2 क्षेत्र स्थित संस्कार लोक गुरुकुलम् का अष्टदिवसीय चतुर्थ वार्षिक महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया है।महोत्सव का शुभारभ प्रातःकाल गाजे-बाजे के मध्य निकाली गई
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संस्कार लोक गुरुकुलम् का अष्टदिवसीय चतुर्थ वार्षिक महोत्सव धूमधाम से प्रारंभ
वृन्दावन।चैतन्य विहार फेस-2 क्षेत्र स्थित संस्कार लोक गुरुकुलम् का अष्टदिवसीय चतुर्थ वार्षिक महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया है।महोत्सव का शुभारभ प्रातःकाल गाजे-बाजे के मध्य निकाली गई श्रीमद्भागवतजी की भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ।तत्पश्चात यजमान परिवार द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीमद्भागवत और व्यासपीठ का पूजनअर्चन किया गया।
व्यासपीठाधीन प्रख्यात भागवताचार्य डॉ. अशोक शास्त्री महाराज अपनी सरस वाणी में देश के विभिन्न प्रांतों से आए सैकड़ों भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण के महात्म्य की कथा का रसास्वादन कराया।
सायंकाल श्रीहनुमद् आराधन मंडल के द्वारा संगीतमय सामूहिक सुंदरकांड, श्रीहनुमान चालीसा का पाठ किया गया।साथ ही उनकी आरती की गई।इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आचार्य मारूतिनन्दन वागीश महाराज व भागवताचार्य सुरेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि श्रीहनुमानजी महाराज समस्त सद्गुणों की खान हैं। उनमें वीरता, स्वामी भक्ति, बुद्धि-ज्ञान आदि का भंडार है।जोव्यक्ति जिस कामना से उनकी पूजा-अर्चना करता है,उसकी कामना वे निश्चित ही पूर्ण करते हैं।श्रीहनुमद आराधन मंडल के अध्यक्ष अशोक व्यास महाराज व श्रीराधावल्लभ मन्दिर के सेवाधिकारी नवीन गोस्वामी ने कहा कि श्रीहनुमानजी महाराज भक्ति शिरोमणि हैं।कलिकाल में श्रीहनुमानजी की आराधना के बिना भगवान श्रीरामजी की भक्ति प्राप्त कर पाना असम्भव है।
भागवताचार्य डॉ. अशोक शास्त्री व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि सुंदरकांड का पाठ सभी बाधाओं को दूर करने वाला है।इस पाठ को करने से श्रीहनुमानजी महाराज शीघ्र ही प्रसन्न होकर भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर आचार्य जगदीश चंद्र शास्त्री, पण्डित रविशंकर पाराशर (बवेलेजी), आचार्य युगल किशोर कटारे, आचार्य देवांशु गोस्वामी, डॉ. अनिरुद्ध महाराज, सुधीर शुक्ला, रासाचार्य स्वामी जगदीश ठाकुरजी, राजेश पण्डित, अश्वनी मिश्र, डॉ. राधाकांत शर्मा, चेतन किशोर कटारे, युवराज श्रीधराचार्य महाराज, अच्युत कृष्ण, मुख्य यजमान श्रीमती मीरा - सुरेन्द्र अग्रवाल, श्रीमती बीनू - दीपक मुरारका, विशेष सहयोगी भक्तिमती सुशील गुप्ता, भक्तिमती मीरा केडिया एवं श्रीमती सुमन तथा समस्त गोपिका मण्डल (बैंगलुरु) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महोत्सव के अंतर्गत रासाचार्य स्वामी भुवनेश्वर वशिष्ठ व श्याम सुन्दर ब्रजवासी ने होली के पदों व रसियाओं का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया।महोत्सव का समापन संत ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।