गौडीय सम्प्रदाय के षट गोस्वामियों में सर्वप्रमुख थे श्रीपाद रूप गोस्वामी महाराज : स्वामी मधुसूदन महाराज

वृन्दावन।सेवाकुंज गली स्थित श्रीकृष्ण बलराम मन्दिर में श्रावण मास के उपलक्ष्य में चल रहे पंच दिवसीय दिव्य व भव्य झूलनोत्सव के अंतर्गत गौडीय सम्प्रदायाचार्य श्रीपाद रूप गोस्वामी महाराज का तिरोभाव महोत्सव

गौडीय सम्प्रदाय के षट गोस्वामियों में सर्वप्रमुख थे श्रीपाद रूप गोस्वामी महाराज : स्वामी मधुसूदन महाराज

गौडीय सम्प्रदाय के षट गोस्वामियों में सर्वप्रमुख थे श्रीपाद रूप गोस्वामी महाराज : स्वामी मधुसूदन महाराज

वृन्दावन।सेवाकुंज गली स्थित श्रीकृष्ण बलराम मन्दिर में श्रावण मास के उपलक्ष्य में चल रहे पंच दिवसीय दिव्य व भव्य झूलनोत्सव के अंतर्गत गौडीय सम्प्रदायाचार्य श्रीपाद रूप गोस्वामी महाराज का तिरोभाव महोत्सव संतों व विद्वानों की सन्निधि में अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ मनाया गया।महोत्सव का शुभारंभ श्रीपाद रूप गोस्वामी के चित्रपट का पूजन-अर्चन व दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात् उनके द्वारा रचित पदों का गायन संगीत की मृदुल सवर लहरियों के मध्य किया गया।


इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीकृष्ण बलराम मन्दिर के सेवायत भक्ति वेदांत स्वामी मधुसूदन महाराज ने कहा कि श्रीपाद रूप गोस्वामी महाराज गौडीय सम्प्रदाय के षट गोस्वामियों में सर्वप्रमुख थे।कलयुग पावनावतार चैतन्य महाप्रभु से प्रेरित होकर उन्होंने अपना मंत्री पद का त्याग कर अपना समूचा जीवन ब्रज में रह कर श्रीकृष्ण भक्ति में समर्पित कर दिया।


चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत बाबा फूलडोल बिहारीदास महाराज एवं स्वामी श्रीपाद प्रियानंदवन महाराज ने कहा कि श्रीपाद रूप गोस्वामी महाराज ब्रज रस भक्ति के परम उपासक थे।उन्होंने अत्यंत साधनामय जीवन जीकर और असंख्य व्यक्तियों का कल्याण कर उन्हें कृष्ण भक्ति की ओर अग्रसर किया।वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीपाद रूप गोस्वामी गौडीय सम्प्रदाय की बहुमूल्य निधि थे।उनके द्वारा रचित 17 ग्रंथ भक्ति सिद्धांतों से ओत-प्रोत हैं।जिनमें उज्ज्वलि नीलमणि,भक्ति रसामृत सिंधु,विदग्ध माधव नाटक, ललित माधव नाटक, हंसदूत व उद्धव संदेश आदि प्रमुख हैं।


भक्ति वेदांत दामोदर महाराज एवं आचार्य ध्रुव कुमार गोस्वामी महाराज ने कहा कि श्रीपाद रूप गोस्वामी ने तमाम वैष्णवों को ब्रज की विशुद्ध प्रेमा भक्ति व रागानुगा भक्ति की ओर प्रेरित कर उन्हें सन्मार्ग पर चलना सिखाया।


तिरोभाव महोत्सव में संतप्रवर भक्ति वेदांत गोपानंद वन महाराज, भक्ति वेदांत साधु महाराज, ब्रजवासी जगद्गुरु कृष्ण कन्हैया पदरेणु महाराज, आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,आचार्य ईश्वर चंद्र रावत, महंत लाड़िली दास महाराज, विष्णुकांत भारद्वाज (ब्रजवासी भैया) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन व धन्यवाद ज्ञापन भक्ति वेदांत मधुसूदन महाराज ने किया।