तिरुपति देवस्थान में प्रसाद को अपवित्र करने वालों पर हो कड़ी कार्यवाही

तिरुपति बालाजी के मंदिर में भक्तों को बांटे जाने वाले प्रसाद में जिस प्रकार से अपवित्र पदार्थों के डाले जाने की सूचना मिली है, पूरा हिन्दू समाज इससे व्यथित है बहुत आहत है।

तिरुपति देवस्थान में प्रसाद को अपवित्र करने वालों पर हो कड़ी कार्यवाही

तिरुपति देवस्थान में प्रसाद को अपवित्र करने वालों पर हो कड़ी कार्यवाही,  सरकार करे हिन्दू मंदिरों को शीघ्र सरकारी नियंत्रण से मुक्त :  विश्व हिन्दू परिषद 

हिंदुओं के सबसे अधिक पवित्रतम और सबसे अधिक तीर्थयात्रियों द्वारा पूजित तीर्थस्थल श्री तिरुपति बालाजी के मंदिर में भक्तों को बांटे जाने वाले प्रसाद में जिस प्रकार से अपवित्र पदार्थों के डाले जाने की सूचना मिली है, पूरा हिन्दू समाज इससे व्यथित है बहुत आहत है।हिंदुओं की भावना के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ जानबूझकर और एक लंबे समय तक किया गया। इससे पूरे हिन्दू समाज में एक आक्रोश की लहर है। हिंदुओं की आस्था पर बार बार इस प्रकार की चोट करते रहना अब हिन्दू समाज को सहन नहीं होगा। विहिप यह पुरजोर मांग करती है कि भगवान श्री तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जिस प्रकार की सूचनाएं आ रही हैं कि उसमें विभिन्न जानवरों का मांस सम्मिलित किया जाता था, यह बहुत ही घृणित कार्य है और असहनीय है ।

हम मांग करते हैं कि इस घटना की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए एवं न केवल ऐसी घृणित कुकृत्यों पर रोक लगनी चाहिए बल्कि जो व्यक्ति या अधिकारी इस प्रकार के निर्णय लेने और उनको क्रियान्वित करने के लिए उत्तरदायी है उनके विरुद्ध अपराध दर्ज कर कार्यवाही करनी चाहिए  और उनको सज़ा होनी चाहिए ।


विहिप यह लंबे समय से यह मांग करती रही है कि हिंदुओं के देवस्थान, मंदिर  सरकार के नियंत्रण में नहीं रहने चाहिए , सनातनी हिन्दू समाज के द्वारा उनका प्रबंध होना चाहिए।भगवान श्री तिरुपति बालाजी में हुई घटना  इस विश्वास को और मजबूत बनाती है कि मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण की वजह से राजनीति का प्रवेश होता है।अहिन्दू अधिकारियों की वहाँ नियुक्ति की वजह से प्रसाद में ऐसी अपवित्रता जानबूझकर लगाई जाती है।इसलिए हम बार - बार माँग करते हैं कि हिन्दू पूजा स्थान, मंदिर, देवालय समस्त सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने चाहिए व हिन्दू समाज को उनका नियंत्रण व प्रबंधन सौंप देना चाहिए।


इसके अंतर्गत और भी कई विषय हैं जिसमें मंदिरों की संपत्ति का दुरुपयोग होता है और उनपर अतिक्रमण होता है, उनको बेचा जाता है, अहिन्दू उद्देश्यों के लिए उनका प्रयोग भी होता है।  मंदिरों पर सरकार का या सरकारी अधिकारियों का किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए, जिससे हिन्दू मंदिरों में पूजा, अर्चना की व्यवस्था सुव्यवस्थित रहे और हिन्दू तीर्थयात्रियों की श्रद्धा को किसी प्रकार की ठेस न लगे।महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि संत समाज को विश्वास है कि इस विषय की गंभीरता को देखते हुए आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार और भारत की केंद्र सरकार दोनों   इस विषय को गंभीरता से लेंगे और इस घटना की जाँच करवा कर दोषियों को दंडित करने का कार्य करेंगे। वहीं आचार्य पवन वशिष्ठ ने  आह्वान किया कि सनातनी समाज, बाजार में मिलने वाले तथाकथित पूजा वाले घी का प्रयोग करके पाप के भागी न बनें एवं पूजन हेतु अपने घर में बना शुद्ध घी ही प्रयोग करें।

विहिप महानगर अध्यक्ष आरके जिंदल ने कहा कि विहिप को पूर्ण विश्वास है कि  इस घटना पर और इस प्रकार की अन्य घटनाओं पर सरकारें, सभी देवालयों में यह सुनिश्चित करेगी जो अभी भी सरकार के नियंत्रण में हैं कि पूजा या प्रसाद में किसी भी प्रकार की अपवित्रता न आने पाए।इस अवसर पर विहिप महानगर कार्याध्यक्ष दिनेश शास्त्री, महानगर उपाध्यक्षा गीता मित्तल रहे।इस प्रेस वार्ता का संयोजन आरएसएस के हरिगढ़ विभाग प्रचार प्रमुख भूपेंद्र शर्मा, सह संयोजन में आरएसएस  सह प्रचार प्रमुख राजनारायण सिंह एवं विहिप ब्रजप्रान्त प्रचार विभाग सदस्य प्रतीक रघुवंशी ने किया।


यह रहेगा रुट:- 
यह रैली  वार्ष्णेय मंदिर क्रीड़ास्थल से पुस्तक बाजार होते हुए मदार गेट से मानिक चौक की पुलिया ,दुबे का पड़ाव सब्जी मंडी से होते हुए धर्मसमाज महाविद्यालय होते हुए रामलीला मैदान पर समाप्त होगी, जहाँ महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।