भागवताश्रय में धूमधाम के साथ संपन्न हुआ हुआ युगल सरकार का प्रथम पाटोत्सव

वृन्दावन। रुक्मिणी विहार/तेहरा रोड़, श्याम तपोवन कॉलोनी स्थित भागवताश्रय में युगल सरकार का प्रथम पाटोत्सव (वार्षिकोत्सव) अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भागवताचार्य पण्डित विमल कृष्ण पाठक के पावन सानिध्य में अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।

भागवताश्रय में धूमधाम के साथ संपन्न हुआ हुआ युगल सरकार का प्रथम पाटोत्सव

भागवताश्रय में धूमधाम के साथ संपन्न हुआ हुआ युगल सरकार का प्रथम पाटोत्सव

वृन्दावन। रुक्मिणी विहार/तेहरा रोड़, श्याम तपोवन कॉलोनी स्थित भागवताश्रय में युगल सरकार का प्रथम पाटोत्सव (वार्षिकोत्सव) अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भागवताचार्य पण्डित विमल कृष्ण पाठक के पावन सानिध्य में अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।सर्वप्रथम वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य युगल सरकार का पंचामृत से अभिषेक किया गया।

तत्पश्चात प्रख्यात भजन गायक भास्कर कृष्ण अवस्थी महाराज के निर्देशन में सुंदरकांड का संगीतमय सामूहिक पाठ किया।साथ ही श्रीहनुमानजी महाराज की आरती की गई।इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए भागवताश्रय के संस्थापक अध्यक्ष पण्डित विमल कृष्ण पाठक ने कहा कि हमारे आश्रम की स्थापना का उद्देश्य धर्म व अध्यात्म के अलावा समाज सेवा के भी विभिन्न सेवा प्रकल्प युद्ध स्तर पर संचालित करना है।जिससे जन-जन का कल्याण हो सके।


महोत्सव में पधारे महामंडलेश्वर स्वामी भरत शरण भक्तमाली महाराज व मानव मन्दिर के संस्थापक मनुश्री महाराज ने कहा कि श्रीहनुमानजी महाराज दास्यभक्ति के आचार्य हैं।माता जानकी के आशीर्वाद से वे अजर और अमर हैं।उनकी भक्ति करने वाले भक्तों के श्रीहनुमानजी शीघ्र ही सभी कष्ट हर लेते हैं

इसीलिए वे संकटमोचन कहे जाते हैं।काशी विद्वत परिषद् के अध्यक्ष कार्ष्णि नागेन्द्र महाराज व प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि भागवताश्रय के संस्थापक पण्डित विमल कृष्ण पाठक महाराज श्रीमद्भागवत, श्रीराम कथा व श्रीशिव महापुराण आदि के सरस प्रवक्ता हैं।इन्होंने धर्म व अध्यात्म की ध्वजा को समूचे देश में फहराकर असंख्य व्यक्तियों को प्रभु भक्ति के मार्ग से जोड़ने का कार्य किया है,वो अति प्रशंसनीय है।

महोत्सव में भागवताचार्य राहुल कृष्ण महाराज, पण्डित राजेश कृष्ण शास्त्री, भजन गायक सोनू बाबा, डॉ. राधाकांत शर्मा, शिवांश भाई मिश्र एवं पण्डित केशव पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।