शामली। ईद-उल-फितर का त्योहार नजदीक आने के साथ ही लोगों की जेब पर महंगाई की मार पड रही है।
लोगों ने बाजारों में खरीदारी शुरू कर दी है। कोरोना के चलते पिछले दो साल तक ईद का त्योहार बेरौनक रहा, मुस्लिमों ने घरों में रहकर की ईद मनाई, लेकिन इस बार बाजार में रौनक दिखाई दे रही है
शामली। ईद-उल-फितर का त्योहार नजदीक आने के साथ ही लोगों की जेब पर महंगाई की मार पड रही है। लोगों ने बाजारों में खरीदारी शुरू कर दी है।
कोरोना के चलते पिछले दो साल तक ईद का त्योहार बेरौनक रहा, मुस्लिमों ने घरों में रहकर की ईद मनाई, लेकिन इस बार बाजार में रौनक दिखाई दे रही है। रोजेदारों महंगाई से परेशान हैं।
मेवे, सेवाइयां और अन्य खाद्य सामग्रियों के दाम 25 फीसदी से अधिक बढ़ गए हैं। कपड़ों के बाजार में भी महंगाई का असर देखने को मिल रहा है।
पिछले दो वर्ष कोरोना संक्रमण की बंदिशों के चलते ईद का त्योहार काफी फीका रहा, जहां मुस्लिम खरीदारी भी नही कर पाये तो ईद की नमाज भी घरों में ही रहकर अदा की गई। लेकिन इस बार त्योहार के मौके पर कोरोना से संबंधित कोई भी बंदिश इस
समय लागू नहीं है। सिर्फ दूसरे प्रदेशों में मिल रहे कोरोना संक्रमित मरीजो को देखते हुए मास्क पहनना अनिवार्य रखा गया है। जिससे कारोबारियों से लेकर खरीदार उत्साहित हैं।
त्योहार को लेकर बाजारों में कपडे से लेकर, मेवे, खादय सामग्री, बर्तन आदि की दुकाने सजी है।
ईद का त्योहार दो या तीन मई को मनाए जाने की उम्मीद है। ऐसे में त्योहार को लेकर बाजार में खरीदारी करने के लिए महिलाएं और पुरुष पहुंचने लगे हैं लेकिन महंगाई की वजह से त्योहार का सारा उत्साह ठंडा पडता दिखाई दे रहा है।
कमरतोड़ महंगाई ने सारा बजट बिगाड़ कर रखा दिया है। लोगों का कहना है कि अब त्योहार पर खुलकर खर्च नहीं कर पा रहे हैं। बाजारों में महंगाई इतनी है कि हर खरीदारी के लिए सोचना पड़ रहा है। बच्चों से लेकर बडों तक के सभी सामान महंगे हो गए है।