छत्रपति शिवाजी महाराज की 343वीं पुण्यतिथि पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन
बेतिया, 03 अप्रैल सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह में भारत के महान मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की 343 वी पुण्यतिथि पर एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन सोमवार को किया गया,
बेतिया, 03 अप्रैल सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह में भारत के महान
मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की 343 वी पुण्यतिथि पर एक सर्वधर्म
प्रार्थना सभा का आयोजन सोमवार को किया गया, इसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद
अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ
शाहनवाज अली ,डॉ अमित कुमार लोहिया ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं
मदर ताहिरा चैरिटेबल वेलफेयर ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ने संयुक्त रूप से मां भारती के सपूत
भारत के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही
के दिन छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन 3 अप्रैल 1680 को हुआ था।उनका सारा जीवन मातृभूमि
की रक्षा एवं सामाजिक एकता के लिए समर्पित रहा। उनका पूरा नाम
छत्रपति शिवाजीराजे भोसले था। भारत के एक महान शासक एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई.
में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी।
सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक
हुआ और वह छत्रपति बने।
छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता
से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदू मुस्लिम एकता के
सच्चे पक्षधर थे। उन्होंने अपनी सेना में एक तिहाई मुस्लिम युवाओं को सम्मिलित कर मराठा
साम्राज्य को मजबूती प्रदान की।
शिवाजी ने अपने सैनिक कमांडरों एवं अपने पदाधिकारियों को ये स्पष्ट निर्देश दे रखा था कि किसी
भी सैन्य अभियान के दौरान मुसलमान महिलाओं एवं बच्चों के साथ कोई दुर्व्यवहार न किया जाए।
मस्जिदों ,दरगाहो को समुचित सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था। अपने अधिकारियों को यह भी
आदेश दिया था कि किसी को भी कुरान की कॉपी मिले तो उसे पूरे सम्मान दिया जाए और उसे
मुसलमानों को सौंप दिया जाए।