18 हजार किलोमीटर लंबी अहिंसा यात्रा रविवार को हाेगी पूरी

नई दिल्ली, 25 मार्च । पृथ्वी की परिधि से सवा गुणा अधिक पैदल चलने वाले और एक करोड़ से अधिक लोगों को नशामुक्त कर चुके जैन आचार्यश्री महाश्रमण की 18 हजार किलोमीटर लंबी ‘अहिंसा यात्रा’

18 हजार किलोमीटर लंबी अहिंसा यात्रा रविवार को हाेगी पूरी

नई दिल्ली, 25 मार्च  पृथ्वी की परिधि से सवा गुणा अधिक पैदल चलने वाले और एक करोड़ से
अधिक लोगों को नशामुक्त कर चुके जैन आचार्यश्री महाश्रमण की 18 हजार किलोमीटर लंबी ‘अहिंसा यात्रा’ का
समापन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में रविवार
को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगा।


अहिंसा यात्रा के प्रवक्ता मुनि कुमार श्रमण ने शुक्रवार को यहां बताया कि तीन देश भारत, नेपाल और भूटान तथा
बीस राज्यों में 18 हजार किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके आचार्य महाश्रमण अभी तक 52 हजार किलोमीटर की


पैदल यात्रा कर चुके हैं और एक करोड़ से अधिक लोगों की नशामुक्त होने में मदद की। उन्होंने बताया कि अहिंसा
यात्रा यात्रा केवल पैदल चलना मात्र नहीं है बल्कि इसके तीन उद्देश्य सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति है।


उन्होंने बताया कि जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के प्रमुख आचार्य महाश्रमण ने नौ नवम्बर 2014 को दिल्ली के
लाल किले से समाज कल्याण की अहिंसा यात्रा प्रारम्भ की। आठ वर्षों से चल रही इस यात्रा का समापन दिल्ली के
तालकटोरा स्टेडियम में होगा।

इस अवसर श्री बिरला, श्री सिंह और श्री शाह समेत सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी दिग्गज
हस्तियां उपस्थित होंगी।


उन्होंने बताया कि पृथ्वी की परिधि से सवा गुणा और महात्मा गांधी की दांडी यात्रा के सवा सौ गुना ज्यादा यानी
बावन हजार से अधिक किलोमीटर का पैदल सफर तय कर चुके आचार्यश्री महाश्रमण ने इस यात्रा के दौरान गांव-

गांव, नगर-नगर में घूम-घूम कर लाखों-लाखों लोगों को सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति की प्रतिज्ञाएं कराईं।
कच्छ से काजीरंगा और काठमांडू से कन्याकुमारी तक भारत की चारों दिशाओं और मध्य भारत में अहिंसा यात्रा को
हर जाति, वर्ग, क्षेत्र और सम्प्रदाय की जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ।


मुनि कुमारश्रमण ने कहा, “वर्ष 2015 का नेपाल में भूकम्प का काल हो या नक्सलवाद - उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र,
तूफान, बारिश या ओलें हों या कड़कड़ाती ठंड या भीषण गर्मी, आचार्यश्री महाश्रमण हर चुनौती में निरन्तर आगे
बढ़ते


गए।” उन्होंने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण ने इस यात्रा में दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश,
बिहार, असम, नागालैंड, मेघालय, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओड़िशा, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, पुड्डुचेरी,


आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ तथा नेपाल और भूटान की पदयात्रा की। इस दौरान विभिन्न
संगोष्ठियों, कार्यशालाओं के माध्यम से भी जनता को प्रशिक्षित किया। आचार्यश्री की प्रेरणा से एक करोड़ से ज्यादा
लोगों ने नशामुक्ति का संकल्प स्वीकार किया।


बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा, बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर, स्वामी अवधेशानंद गिरि, स्वामी निरंजनानन्द और
मौलाना अरशद मदनी जैसे विभिन्न धर्मगुरुओं ने आचार्यश्री से मिलकर अहिंसा यात्रा के प्रति समर्थन जताया।


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणव मुखर्जी और प्रतिभा
पाटिल तथा पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा भी समय समय पर अहिंसा यात्रा में शामिल हुए। इसके अलावा नेपाल


की राष्ट्रपति विद्या भंडारी, प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, पूर्व राष्ट्रपति रामवरण यादव और पूर्व प्रधानमंत्री सुशील
कोइराला भी अहिंसा यात्रा से जुड़े। आचार्यश्री महाश्रमण प्रतिदिन 15-20 किलोमीटर की यात्रा करते हैं।