छोटे किसानों को ड्रोन खरीद में 50 प्रतिशत मदद : तोमर

नई दिल्ली, 02 मई । कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि सरकार अनुसूचित जाति- जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन की खरीदने के लिए 50 प्रतिशत

छोटे किसानों को ड्रोन खरीद में 50 प्रतिशत मदद : तोमर

नई दिल्ली, 02 मई । कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि सरकार अनुसूचित जाति-
जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन की खरीदने के लिए 50 प्रतिशत
राशि की सहायता दी जायेगी।


श्री तोमर ने “किसान ड्रोन को बढ़ावा: मुद्दे, चुनौतियां और आगे का रास्ता” विषय पर सम्मेलन का शुभारंभ करते
हुए कहा कि सरकार किसानों की सुविधा, लागत घटाने और आय बढ़ाने के लिए ड्रोन उपयोग को बढ़ावा दे रही है।


इसके लिए ड्रोन खरीदने में विभिन्न वर्गों को छूट प्रदान की गई है। व्यक्तिगत तौर पर ड्रोन खरीद के लिए भी
वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है, जिसके तहत अनुसूचित जाति- जनजाति, लघु


और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए ड्रोन की खरीद हेतु ड्रोन लागत का 50 प्रतिशत या
अधिकतम पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम चार लाख
रुपये की सहायता दी जाएगी।


उन्होंने कहा कि किसानों के व्यापक हित में कृषि कार्यों में ड्रोन के उपयोग की पहल की गयी है। फसल मूल्यांकन,
भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण,

कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को
सरकार बढ़ावा दे रही है

, जिसका बजट में भी प्रावधान किया गया है। देश के कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण सरकार
के एजेंडा में है।


कृषि मंत्री ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी को किसानों तथा अन्य हितधारकों के लिए किफायती बनाने के लिए, खेतों
पर इसके प्रदर्शन के लिए कृषि यंत्रीकरण पर उपमिशन के तहत आकस्मिक व्यय के साथ-साथ, फार्म मशीनरी


प्रशिक्षण व परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों तथा राज्य कृषि
विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद के लिए लागत के 100 प्रतिशत की दर से सहायता प्रदान की जाएगी।

किसान
उत्पादक संगठन (एफपीओ) को खेतों पर प्रदर्शन के लिए कृषि ड्रोन लागत का 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया
जाएगा।


उन्होंने कहा कि ड्रोन से कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए किसान सहकारी समिति और ग्रामीण उद्यमियों के तहत
मौजूदा तथा नए कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) द्वारा ड्रोन खरीद के लिए ड्रोन तथा इसके संबंधित पुर्जों की मूल


लागत के 40 प्रतिशत की दर से या चार लाख रुपये तक, जो भी कम हो, वित्तीय सहायता दी जाएगी। सीएचसी
स्थापना करने वाले कृषि स्नातक ड्रोन लागत के 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम पांच लाख रुपये तक वित्तीय
सहायता के पात्र हैं।


ड्रोन प्रदर्शन के लिए पहले से चिन्हित संस्थानों के अलावा, किसान ड्रोन प्रदर्शन की वित्तीय सहायता हेतु राज्य और
केंद्र सरकार के अन्य कृषि संस्थान, कृषि गतिविधियों में लगे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को भी पात्रता सूची में


लाया गया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय देशभर में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीमों के
माध्यम से राज्य सरकारों को सहायता-सुविधा प्रदान कर रहा है और विभिन्न कृषि कार्यों से जुड़े मानव परिश्रम को


कम करने के अलावा उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ाने, बीजों, उर्वरकों व सिंचाई जल जैसे आदानों की उपयोग दक्षता
में सुधार के लिए किसानों को आधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच में मदद कर रहा है।


विशेष अतिथि कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यह नई तकनीक अधिकाधिक किसानों तक पहुंचाने का
लक्ष्य है, जिससे उन्हें सुविधा होगी व लागत में कमी आएगी एवं उनकी आय बढ़ेगी।

टिड्डी दलों के हमले के
दौरान बचाव के लिए भी सरकार ने तत्परतापूर्वक ड्रोन व हेलीकाप्टर का उपयोग किया था।

कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि ड्रोन को किसानों के पास ले जाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां है और
सरकार भी इस संबंध में प्रतिबद्ध है। आईसीएआर के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि आईसीएआर


इस संबंध में शोध और प्रशिक्षण के माध्यम से योगदान दे रहा है। इससे ज्यादा से ज्यादा किसान ड्रोन के प्रयोग
के लिए तत्पर होंगे।