बहन से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी को अग्रिम जमानत
नई दिल्ली, 28 मई (। उच्च न्यायालय ने सगी बहन से सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोपी वकील को राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी है।
नई दिल्ली, 28 मई उच्च न्यायालय ने सगी बहन से सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोपी वकील को
राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी है।
न्यायालय ने मामले की जांच में शामिल होने, बिना अनुमति विदेश नहीं
जाने सहित कई शर्तों पर आरोपी को अग्रिम जमानत दी है।
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने आरोपी की ओर से दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है।
याचिकाकर्ता ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए अपनी बहन द्वारा कथित घटना के तीन साल बाद मुकदमा दर्ज
कराने पर भी सवाल उठाया है। न्यायालय ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलका और इतनी ही रकम के एक
जमानती जमा करने की शर्त पर जमानत दे दी।
न्यायालय ने कहा कि ‘किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित
मामलों को सावधानी से निपटा जाना चाहिए।
न्यायालय ने सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के वकील से मुकदमा
दर्ज कराने में देरी का कारण पूछा।
इस पर शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि चूंकि यह एक संवेदनशील रिश्ता था, इसलिए पीड़िता ने पिता के कहने
पर शिकायत दर्ज नहीं की थी। अक्तूबर 2021 में पिता के निधन के बाद पीड़िता ने पति के परामर्श के बाद अप्रैल
2022 में मुकदमा दर्ज कराने का निर्णय लिया। सभी तथ्यों विचार करने के बाद उच्च न्यायालय ने आरोपी को
जमानत दे दी।
इससे पहले आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने न्यायालय से कहा कि आरोपी
पेशे से वकील है, ऐसे में उसके फरार होने की संभावना नहीं है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके दो भाइयों ने मार्च 2019 में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।
पीड़िता की
शिकायत पर अप्रैल 2022 उसके दो सगे भाई और एक भाभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी(सामूहिक
दुष्कर्म), 506 (जान से मारने धमकी) और 34 (समान्य उद्देश्य) के तहत मामला दर्ज किया गया।