म्यूजिक ने ही बचाये रखा दुनिया को डिप्रेशन और तनाव से

'मजनू' गीत की लांचिंग के मौके पर मीका से जब पूछा गया कि वह पार्टी और डांस नंबर्स पर ही इतना क्यों जोर देते हैं, तो उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की ओवरऑल सेहत के लिए मनोरंजन उतना ही जरूरी है जितना कि पौष्टिक भोजन, ऑक्सीजन और एक्सरसाइज।

म्यूजिक ने ही बचाये रखा दुनिया को डिप्रेशन और तनाव से

टॉकिंग पॉइंट्स 

म्यूजिक ने ही बचाये रखा दुनिया को डिप्रेशन और तनाव से

नरविजय यादव

बॉलीवुड गायक मीका सिंह कहते हैं कि कोविड काल में गीत संगीत ने ही लोगों को डिप्रेशन, अकेलेपन और मानसिक तनाव से बचा कर रखा। 'मजनू' गीत की लांचिंग के मौके पर मीका से जब पूछा गया कि वह पार्टी और डांस नंबर्स पर ही इतना क्यों जोर देते हैं, तो उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की ओवरऑल सेहत के लिए मनोरंजन उतना ही जरूरी है जितना कि पौष्टिक भोजन, ऑक्सीजन और एक्सरसाइज। और मनोरंजन में सबसे पहले नंबर पर आता है संगीत सुनना या संगीत का किसी भी रूप में शौक रखना। 'मजनू' एक रोमांटिक नंबर है जो मीका सिंह की एक नयी पेशकश है।

कोविड काल में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण दुनिया भर के लोग अपने अपने घरों में कैद रहे। इस वजह से लोगों को अपने मित्रों, परिजनों, सहकर्मियों और जान पहचान वालों से मजबूरन दूर रहना पड़ा। यह समस्या अभी भी जारी है और न जाने कब तक हम सब को इसी तरह की पाबंदियों के बीच जीवन बिताना होगा। एक तो कोविड बीमारी का भय और ऊपर से अकेले रहने की मजबूरी। इस वजह से दुनिया भर में मानसिक परेशानियों के मामले अचानक से बढ़ते गये। गनीमत है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट की बदौलत लोग संगीत से जुड़े रहे।

जब अखबार छपने और डिलीवर होने बंद हो गये, लाइव ईवेंट्स टलती चली गयीं और सिनेमा घरों पर भी ताले लटक गये, तब संगीत ही एक ऐसी चीज थी जो आसानी से लोगों की पहुंच में थी। संगीत ने ही दुनिया भर में लोगों को मानसिक तनाव, मनोवैज्ञानिक परेशानियों और डिप्रेशन जैसी स्थितियों से बचाये रखा। ऑस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया कि महामारी के समय जब छात्र अकेले पड़ गये तब तनाव से बचने के लिए म्यूजिक सुनना उनकी सबसे प्रभावी रणनीतियों में से एक था। इससे उन्हें व्यायाम, नींद और स्थान परिवर्तन जैसे ही फायदे हुए। ऑनलाइन एजूकेशन से उत्पन्न तनाव को भी उन्होंने संगीत सुनकर ही दूर किया। मनपसंद म्यूजिक सुनकर लोगों ने अपना मूड ठीक रखा और मुश्किल हालात में भी खुश रह सके।

मूड बनाये रखने में, म्यूजिक के बाद नंबर आता है अच्छी नींद का। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, एक वयस्क व्यक्ति को दिन में कम से कम 7 और अधिक से अधिक 9 घंटे की नींद चाहिए होती है। यदि 7 घंटे सोने के बाद आपके शरीर में दिन भर चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है, तो इतनी नींद आपके लिए पर्याप्त है। लेकिन यदि आप दिन में थकान और सुस्ती महसूस करते हैं, तो इसका मतलब है कि आपको थोड़ी देर और सोना चाहिए। कम नींद लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। ऐसे लोगों को दिल का दौरा पड़ने की आशंका 20 प्रतिशत अधिक रहती है। इन्हें मोटापा भी घेर सकता है। दरअसल, नींद हॉर्मोन संतुलन का काम करती है, जिससे शरीर का विकास और दिमागी चुस्ती बनी रहती है। अच्छी नींद लेने से कार्यक्षमता बढ़ती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी बढ़ती है, और वजन नियंत्रण में रहता है। पर्याप्त नींद लेने से दिल के रोग और मधुमेह जैसे रोग दूर रहते हैं। दिन में ऊर्जा का स्तर बनाये रखने के लिए 15 मिनट की झपकी लेना एक बढ़िया उपाय है। पॉवर नैप से शरीर तरोताजा हो जाता है।

नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं। 

ईमेल: narvijayindia@gmail.com