सुप्रीम कोर्ट के प्रख्यात वकील डॉक्टर ए पी सिंह ने प्रेस क्लब इलाहाबाद उत्तर प्रदेश अनुदेशक संघ के बैनर तले आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार को किया आगाह

लगातार प्रदेश में हो रही आत्महत्याओं व आर्थिक तंगी  से होने वाली मौतें को रोकने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए नहीं तो डबल इंजन की सरकार किस काम की**                                 

सुप्रीम कोर्ट के प्रख्यात वकील डॉक्टर ए पी सिंह ने प्रेस क्लब इलाहाबाद उत्तर प्रदेश अनुदेशक संघ के बैनर तले आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार को किया आगाह

( *राजा मौर्य, आज का मुद्दा न्यूज़)* 
 *प्रयागराज* : राज्य सरकार को त्वरित निर्णय लेते हुए अनुदेशकों की लगातार तेजी से हो रही आत्महत्याओं को रोकना चाहिए, आर्थिक तंगी की वजह से मौतें किसी भी प्रदेश सरकार के लिए अत्यंत ही सोचनीय विषय है,


फिर डबल इंजन की सरकार का क्या महत्व रह जाएगा, उक्त विचार अनुदेशकों की तरफ से इलाहाबाद उच्च न्यायालय और लखनऊ बेंच में पक्ष रख रहे, सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ. ए पी सिंह ने प्रेस क्लब, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश अनुदेशक संघ के बैनर तले आयोजित पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए!


उत्तर प्रदेश राज्य के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत पीटीआई टीचर अनुदेशकों को 17000 रुपए मानदेय दिए जाने को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच के फैसले को राज्य सरकार ने विशेष अपील में चुनौती दी थी,

राज्य सरकार की विशेष अपील पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की विशेष खंडपीठ के समक्ष विशेष सुनवाई लगातार चल रही है, यूपी के 27555 शिक्षकों अनुदेशकों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली से भारत के जाने-माने वकीलों में शुमार डॉ. ए पी सिंह अनुदेशकों की तरफ से मुख्य न्यायाधीश की बेंच के समक्ष अनुदेशकों का पक्ष रख रहे हैं,

फिर भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे अनुदेशक आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं, विदित रहे 12 मई को मामले की सुनवाई के लिए अनुदेशकों की तरफ से वकील डॉ. ए पी सिंह ने मुख्य न्यायाधीश की बेंच के समक्ष मेंशनिंग करके जल्दी सुनवाई करने की गुहार लगाई थी

जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने ठीक 12:00 बजे और सभी केसो को छोड़ कर अनुदेशकों के केस की सुनवाई शुरू हुई, एक घंटा 20 मिनट बहस चलने के बाद, छोटी डेट दिए जाने के वकील डॉ. ए पी सिंह के आग्रह पर 16 तारीख के लिए 11:30 बजे से 1:15 तक मामले को सुना,

अब अगली सुनवाई 18 तारीख को मुख्य न्यायाधीश की बेंच के समक्ष होनी है प्रख्यात वकील डॉ. ए पी सिंह ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि अनुदेशकों को 17000/- मानदेय दिया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी 2017 में 17000 मानदेय देने का आदेश दिया था

मगर उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र के इस आदेश का भी पालन नहीं किया!
प्रेस क्लब, इलाहाबाद में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश अनुदेशक संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब तक 20 अनुदेशक आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं, राज्य सरकार अब हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है,


गौरतलब है कि प्रदेश के 27555 पीटीआई टीचरों का मानदेय 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 17000 रुपए कर दिए थे जिसको यूपी सरकार ने लागू नहीं किया मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अनुदेशकों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया

जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश चौहान की सिंगल बेंच ने टीचरों को 2017 से 17000/- मानदेय 9 परसेंट ब्याज के साथ देने का आदेश दिया था इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार में विशेष अपील दाखिल की थी इसी अपील में टीचरों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ. ए पी सिंह, इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचे,

कार्यक्रम में अनुदेशक प्रमोद सोनी और उनकी माता निवासी कुआबोसी महरौनी, जिला ललितपुर, उत्तर प्रदेश द्वारा आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या करने पर शोक प्रकट किया गया एवं उनके चित्र पर सभी अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया, कार्यक्रम में बृजेश त्रिपाठी, आशुतोष शुक्ला, सत्येंद्र सिंह, भोला नाथ पांडे, संजय सिंह, दिलीप एवं टिंकू आदि पदाधिकारी मौजूद रहे