ऑपरेशन गंगा के वक्त विपक्ष का रवैया रहा शर्मनाक : भाजपा
नई दिल्ली, 09 मार्च । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी से भारतीय छात्रों के आखिरी जत्थे के सुरक्षित निकलने पर संतोष व्यक्त करते हुए
नई दिल्ली, 09 मार्च भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी से भारतीय
छात्रों के आखिरी जत्थे के सुरक्षित निकलने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20
हजार भारतीय नागरिकों को युद्धक्षेत्र से बचाने के लिए सरकार की पूरी ताकत झाेंक दी जबकि इस मानवीय संकट
में विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों ने शर्मनाक रवैया अपनाया और राजनीतिक गिरावट की मिसाल पेश की।
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल एवं अनुराग सिंह ठाकुर ने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा
कि ऑपरेशन गंगा के तहत तीन सप्ताह के भीतर यूक्रेन से करीब बीस हजार भारतीय नागरिकों एवं छात्रों को
सुरक्षित निकाला जा चुका है। पूर्वी यूक्रेन से भारतीय छात्रों का आखिरी समूह भी पश्चिमी यूक्रेन के रास्ते पोलैंड की
ओर जा रहा है जहां से उन्हें भारत लाया जाएगा।
श्री गोयल ने कहा कि इससे देश की जनता में विश्वास बना है कि वे दुनिया में यदि कहीं किसी मुसीबत में फंस
जाएं तो देश की नरेन्द्र मोदी सरकार उन्हें सुरक्षित बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विश्व में भारत की साख जिस प्रकार से बढ़ायी, उसी वजह से युद्धभूमि में बमबारी के बीच
से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने एक दिन में लगातार ऑपरेशन गंगा की निगरानी की और 11 बार विश्व नेताओं से
बात की। रूसी राष्ट्रपति से तीन बार, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की से दो बार बात की।
इसके अलावा पोलैंड,
रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया एवं माल्दोवा के शासन प्रमुखों से भी बात की। उनका पूरा जोर एक एक बच्चे को
सुरक्षित निकालना था। विदेश मंत्री एस जयशंकर कई रात नहीं सोये।
विदेश सचिव लगातार यूक्रेन में अपने
समकक्ष के संपर्क में रहे। भारत में भी ऑपरेशन गंगा के तहत प्रधानमंत्री के निर्देश पर हर जिले में कलेक्टर एवं
वरिष्ठ अधिकारियों ने यूक्रेन में पढ़ने वाले बच्चों के परिवार से संपर्क किया और उन्हें लगातार सूचना प्रदान करते
रहे।
श्री गोयल ने कहा कि इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने चार वरिष्ठ मंत्रियों को विशेष दूत बना कर पोलैंड, हंगरी,
स्लोवाकिया, रोमानिया एवं माल्दोवा भेजा जिससे पासपोर्ट एवं वीसा के बिना भी भारतीय छात्र यूक्रेन की सीमा पार
करके आ सके। इतना ही पाकिस्तान, नेपाल एवं बंगलादेश के छात्रों को भी निकाला गया है। भारत ने इन देशों में
अपने दूतावासों में तैनाती बढ़ा कर बचाव अभियान को तेज किया। इस दौरान पूरी दुनिया ने भारतीय तिरंगे की
शक्ति को देखा। भारतीय निजी एयरलाइन्स, उद्योग जगत, स्वयंसेवी संगठन, धार्मिक आध्यात्मिक संगठन आदि
ने अपने अपने स्तर से योगदान दिया।
श्री गोयल ने कहा कि इस सबके बावजूद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस एवं कुछ अन्य दलों ने इस मानवीय संकट में
एकजुटता दिखाने की बजाय राजनीति करने का भरपूर प्रयास किया। जिस समय लोगों की उम्मीद एवं हौसले का
बढ़ाने की जरूरत होती है, उस समय विभिन्न दलों के नेताओं ने दुष्प्रचार किया।
कांग्रेस की केरल इकाई ने
ऑपरेशन राहत की तस्वीरें साझा कीं। ऐसे संवदेनशील समय जब रूस एवं यूक्रेन दोनों देश भारतीय नागरिकों की
सुरक्षित निकासी में सहयोग कर रहे थे, कांग्रेस एवं उसके मित्र दल रूस के खिलाफ बयान दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने अपने राज्य के छात्रों के लिए चार सांसदों को भेजने की पेशकश की। एक
राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके राज्य के बच्चों को निकालने को प्राथमिकता दी जाये जबकि प्रधानमंत्री श्री
मोदी देश के एक एक बच्चे को सुरक्षित निकालने की चिंता कर रहे थे
और इसी के लिए उन्होंने पूरी सरकार की
ताकत झोंक दी थी। पूरी दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है जब युद्धभूमि पर बरसते बमों के बीच से हजारों
नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया।
यह पूछे जाने पर कि यूक्रेन के बचा कर लाये गये छात्रों की आगे की पढ़ाई के
बारे में क्या योजना है, श्री गोयल ने कहा कि अभी इस पर सोचा नहीं गया है। फिलहाल तो उन्हें सुरक्षित घर
पहुंचाने पर ध्यान है, इसके बाद उनकी पढ़ाई पूरी कैसे हो, इसकी योजना भी बनायी जाएगी।