कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा पर अभ्रद टिप्पणी मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज की शिकायत

नई दिल्ली। कीर्ति चक्र से सम्मानित कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा स्मृति सिंह को लेकर सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी के मामले में दिल्ली पुलिस ने थ्प्त् दर्ज कर ली है।

कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा पर अभ्रद टिप्पणी मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज की शिकायत

कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा पर अभ्रद टिप्पणी

नई दिल्ली। कीर्ति चक्र से सम्मानित कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा स्मृति सिंह को लेकर सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी के मामले में दिल्ली पुलिस ने थ्प्त् दर्ज कर ली है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस को इस संबंध में एक शिकायत दी थी। इसी शिकायत को आधार बनाते हुए दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू की है। ये FIR BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 79, Sec 67 IT एक्ट के तहत दर्ज की गई है।

आपको बता दें कि 11 जुलाई को यह मामला पहली बार सामने आया। जब किसी यूजर ने सोशल मीडिया पर शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा स्मृति सिंह के बारे में सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी की। इस करतूत ने सोशल मीडिया पर लोगों को झकझोर कर रख दिया है। यूजर्स उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। इस मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर उस व्यक्ति के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। 

बता दें कि सोशल मीडिया पर शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी की जिस फोटो को लेकर टिप्पणी की गई थी वह राष्ट्रपति भवन में खींची गई तस्वरी थी। इस तस्वीर में स्मृति सिंह अपने पति का लिए कीर्ति चक्र सम्मान ग्रहण कर रही हैं। कैप्टन अंशुमान सिंह सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के शिविर में अपने सहयोगियों को बचाने की कोशिश करते हुए शहीद हो गए थे। कैप्टन सिंह 26 पंजाब में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। कैप्टन सिंह को यह मरणोपरांत दिया गया यह पुरस्कार उनकी पत्नी स्मृति और मां ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ग्रहण किया था।

कैप्टन अंशुमन सिंह 19 जुलाई, 2023 की रात में जिस कैंप में थे वहां भारतीय सेना के गोला-बारूद के भंडार में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी। कैप्टन सिंह ने एक फाइबरग्लास हट को आग की लपटों में घिरा देखा और तुरंत अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए पहुंच गए। उन्होंने चार से पांच लोगों को सफलतापूर्वक बचा लिया। हालांकि आग जल्द ही पास के मेडिकल जांच कक्ष में भी फैल गई। कैप्टन सिंह फिर से कैंप के धधकते हुए हिस्से में चले गए। अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद वे आग से बच नहीं पाए और शहीद हो गए।

बिहार के भागलपुर में 22 जुलाई, 2023 को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था।