भारत ने जंग से कराह रहे फिलिस्तीन के लिए भेजी 38 टन राहत सामग्री
भारत ने इजरायल-हमास संघर्ष के बीच फंसे फिलिस्तीन नागरिकों के लिए मानवीय सहायता भेजी है। लगभग 6.5 टन चिकित्सा सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री लेकर भारतीय वाु्सेना का मालवाहक विमान C-17 ग्लोबमास्टर मिस्र में एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ।

भारत ने इजरायल-हमास संघर्ष के बीच फंसे फिलिस्तीन नागरिकों के लिए मानवीय सहायता भेजी है। लगभग 6.5 टन चिकित्सा सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री लेकर भारतीय वाु्सेना का मालवाहक विमान C-17 ग्लोबमास्टर मिस्र में एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ।
मिस्र में एल-अरिश हवाई अड्डे पहुंचने के बाद राहत सामग्रियों को सड़क मार्ग से फिलिस्तीन के लोगों तक पहुंचाया जाएगा. आपदा के प्रत्येक पैकेट पर भारत का तिरंगा झंडा लगा है और उस पर एक संदेश लिखा है- 'फिलिस्तीनी लोागें को भारत के लोगों की तरफ से उपहार।'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि फिलिस्तीन के लोगों के लिए लगभग 6.5 टन चिकित्सा सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री लेकर आईएएफ का सी-17 परिवहन विमान मिस्र में एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ। सामग्री में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल सामान, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता सुविधाएं, जल शुद्धिकरण टैबलेट सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गाजा के एक अस्पताल में नागरिकों की मौत पर संवेदना व्यक्त करने तथा इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही ‘सैद्धांतिक स्थिति’ को दोहराने के तीन दिन बाद भारत ने यह सहायता भेजी है। प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को फलस्तीन प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से कहा कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा। भारत संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) में योगदान के माध्यम से फलस्तीन और फिलिस्तीन शरणार्थियों का समर्थन करता रहा है।
ज्ञात हो कि जब से गाजा पट्टी पर इजराइल ने हमला किया हैं, वहां के लोगों को खाने पीने की चीजों की काफी कमी हो गई है. वहां के लोगों के लिए खाना-पानी, जरूरी चीजें भेजी जा रही है। उनकी मदद को कई देश सामने आया है।
अब तक मदद के लिए कई देशों से लगभग 20 ट्रक भेजे जा चुके हैं. इन 20 ट्रकों में दवा, इलाज के सामान और खाने पीने की चीज भेजी गई है।
गजा की वर्तमान स्थिति पर विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने कहा कि सहायता के 20 ट्रक पर्याप्त नहीं हैं. उन्होंने कहा कि गाजा के अंदर स्थिति गंभीर है, वहां लोगों के खाने तक की कमी है, इसके साथ ही पानी, बिजली और ईंधन भी नहीं है।
अगर यह स्थिती नहीं सुधरी तो भुखमरी के कारण लोगों को कई बीमारियां होने का खतरा है। हमें और दवाइयों के और ट्रक का इंतजाम करना होगा ताकि लोगों को मदद मिल सके।
बता दें कि हमास के हमले के बाद से इजरायल की प्रतिक्रिया के चलते गाजा पट्टी में रह रहे फिलिस्तीनी नागरिक वर्तमान में मानवीय संकट से गुजर रहे हैं। हमास के बर्बर हमले के बाद इजरायल की कार्रवाई में फिलिस्तीनी नागरिक भी हताहत हो रहे हैं।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि युद्ध छिड़ने के बाद से गाजा में 4,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और 15,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिनमें अधिकतर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हैं. वहीं, हमास के हमले में इजरायल में 1,400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं जिनमें अधिकतर आम नागरिक हैं, जबकि 4500 से ज्यादा घायल हुए हैं। वहीं क़रीब 250 लोगों को हमास ने बंधक बना रखा है।