मध्यम और छोटे वर्ग के व्यापारियों की समस्याओं का हो समाधान : नरेश कुच्छल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सत्ता में काबिज होने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरी पारी के बाद भी शहर के व्यापारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार से कई उम्मीदें लगाए हुए हैं।

मध्यम और छोटे वर्ग के व्यापारियों की समस्याओं का हो समाधान : नरेश कुच्छल

मध्यम और छोटे वर्ग के व्यापारियों की समस्याओं का हो समाधान : नरेश कुच्छल

नोएडा। शहर में छोटे तथा मध्यम वर्ग के व्यापारी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सत्ता में काबिज होने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरी पारी के बाद भी शहर के व्यापारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार से कई उम्मीदें लगाए हुए हैं। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर रहा है, क्योंकि उनके समाधान की दिशा में काम नहीं हो रहा है।उतरप्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, नोएडा के अध्यक्ष नरेश कुच्छल व चेयरमैन रामअवतार सिंह ने मीडिया को जारी एक बयान में  कहा कि राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है। बावजूद नोएडा शहर के व्यापारी परेशान हैं। शहर के अधिकतर मार्केट क्षेत्र में पार्किंग की समस्या एवं सड़क पर यातायात जाम की समस्या आम है।


   नरेश कुच्छल ने कहा कि शहर में पार्किंग की बेहतर व्यवस्था नहीं होने से व्यापारियों और शहर के लोगों को कई परेशानियां झेलनी पड़ रही है। इससे जाम से जूझना पड़ता है। सड़क और फुटपाथ पर काफी अतिक्रमण है। यहाँ छोटे-छोटे व्यापारी दुकान लगाकर अपनी जीविका चलाते हैं। उनके लिए नोएडा प्राधिकरण को वृहत तरीके से जगह उपलब्ध करानी चाहिए। हालांकि प्राधिकरण ने ऐसे छोटे-छोटे व्यापारियों के लिए वेंडर जोन बनाया है, जहां उन्हें जगह दी गई है, लेकिन उसकी संख्या बहुत ही कम है। प्राधिकरण द्वारा जो वेंडर जोन बनाये गए हैं, वह सड़क के किनारे ही बनाई गई है, जिससे जाम की स्थिति खत्म नहीं हुई है। जबकि प्राधिकरण को ऐसे दुकानदारों के लिए स्थाई दुकान लगाने  की व्यस्था की जानी चाहिए थी।


 उन्होंने बयान में कहा कि व्यापारियों में जीएसटी को लेकर सबसे बड़ी परेशानी है। ज्यादातर व्यापारी सीए पर निर्भर हो गए हैं। जीएसटी लागू होने से खासकर छोटे व्यापारियों को खासी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। केंद्र सरकार को जीएसटी का सरलीकरण करना चाहिए। जिससे अधिक से अधिक छोटे व्यापारी भी इससे जुड़ सकें। जीएसटी की समस्या के कारण छोटे-मध्यम व्यापारी ठीक से कारोबार नहीं कर पा रहे हैं। माह में चार-पांच रिटर्न, टीडीएस, टीसीएच भरने पड़ रहे हैं। अच्छा एकाउंटेंट, सिस्टम और साफ्टवेयर को आम व्यापारी वहन नहीं कर सकता। इसके चलते जीएसटी में सरलीकरण होना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा,  केंद्र में किसी की भी सरकार रही हो, हमेशा व्यापारियों की अनदेखी होती रही है। 


नरेश कुच्छल ने कहा कि व्यापारी सरकार को टैक्स देने के अलावा लोगों के लिए रोजगार का प्रावधान करते हैं, परन्तु व्यापारियों के लिए सरकार की ओर से कोई योजना नहीं है। हम सरकार से मांग करते हैं कि हर छोटे से छोटे व्यापारियों को मेडिकल और बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।


     जबकि चेयरमैन रामअवतार सिंह ने कहा कि अनेक छोटे व्यापारियों के पास जीएसटी नंबर नहीं हैं। ऐसे में बिल देने में उन्हें परेशानी होती है। इससे छोटे कारोबारी परेशान हो रहे हैं।


उन्होंने कहा कि  व्यवसायियों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बाजार के भीतर कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करते हुए कुशल वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती भरा कार्य है। आज के वैश्विक और तकनीकी रूप से उन्नत व्यावसायिक परिदृश्य में, प्रतिस्पर्धा पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है, जिससे व्यवसायियों को लगातार नया करने, अपने उत्पादों या सेवाओं को अलग करने और ग्राहकों को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा, कोरोना काल में व्यापार पर बहुत बूरा असर पड़ा था। अब व्यापार पटरी पर लौट रहा है। पर, आज बाजार में रौनक नहीं है। सब दुकानें खाली हैं। बड़े उद्यमी छोटी से छोटी वस्तु पर नजर डाल रहे हैं। इनकी खरीद क्षमता अधिक होने से आम व्यापारी इनसे प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है। आगामी दिनों में मध्यम वर्ग का कारोबारी बेरोजगार होगा, जो देश के लिए घातक है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। वरना आगामी दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी।


 उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जरूरी सामानों की खरीद ऑनलाइन के जरिए से ज्यादा हुई। इससे व्यापारियों को खासा नुकसान उठाना पड़ा है।