जन सांस्कृतिक मंच के द्वारा संगोष्ठी (विषय-डरा हुआ समाज और पत्रकार) धूमधाम से संपन्न

मथुरा।गोविंद नगर क्षेत्र स्थित होटल मनभावन में जन सांस्कृतिक मंच के द्वारा आयोजित संगोष्ठी (विषय-डरा हुआ समाज और पत्रकार) एवं पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।

जन सांस्कृतिक मंच के द्वारा संगोष्ठी (विषय-डरा हुआ समाज और पत्रकार) धूमधाम से संपन्न

डॉ. गोपाल चतुर्वेदी

मथुरा।गोविंद नगर क्षेत्र स्थित होटल मनभावन में जन सांस्कृतिक मंच के द्वारा आयोजित संगोष्ठी (विषय-डरा हुआ समाज और पत्रकार) एवं पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर विनीता गुप्ता, (पूर्व डीन-सेंटर ऑफ मीडिया, गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी,दिल्ली) ने कहा कि सच्ची पत्रकारिता यही है कि हम व्यवस्था के खिलाफ खड़े हों। जो पत्रकार व्यवस्था से सवाल नहीं करता, उसे डरा हुआ पत्रकार कहा जा सकता है। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना गया है, इसलिए हमें उसकी गरिमा की रक्षा करनी होगी। 


अमर उजाला व जनसत्ता समाचार पत्र के पूर्व संपादक शंभूनाथ शुक्ला ने कहा कि सत्य को देखना औऱ सत्य को दिखाना ही सच्ची पत्रकारिता है। वर्तमान में न तो यह समाज डरा हुआ है और न पत्रकार डरे हुए हैं। औऱ जो पत्रकार डरे हुए हैं, उनकी शिनाख्त हो चुकी है।बीबीसी हिंदी रेडियो के पूर्व संवाददाता राजेश जोशी ने कहा कि व्यवस्था से सवाल करना पत्रकारिता का सच्चा धर्म औऱ समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी है। इस दौर में आप डरे हुए नहीं है तो इसका मतलब आप सहमत हैं। रात दिन टेलीविजन पर पत्रकारिता के नाम पर जो पत्रकार झूठ, झूठ और केवल झूठ ही परोस रहे हैं, असल में वे ही पत्रकार डरे हुए हैं।


इस मौके पर मंच के अध्यक्ष डॉ. अशोक बंसल की पुस्तक 'मेलबोर्न- जैसा मैने देखा' का भी विमोचन हुआ। वक्ताओं के संबोधन के बाद प्रश्न के रूप में श्रोताओं की जिज्ञासा के जवाब दिए गए।


इस अवसर पर मौजूद लोगों में प्रख्यात उद्योगपति एवं समाजसेवी पवन चतुर्वेदी, समाजसेवी दीपक गोयल, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी (वृंदावन), संस्कृति यूनिवर्सिटी के पी.आर.ओ. किशन चतुर्वेदी, श्रीपाल शर्मा, रवि सरीन एडवोकेट, जलेस के अध्यक्ष टिकेन्द्र सिंह शाद,  भाजपा नेत्री सरोज गोला, मुरारी लाल अग्रवाल, राजकिशोर अग्रवाल, डॉ. राधाकांत शर्मा, विवेक दत्त मथुरियार, रवि प्रकाश भारद्वाज, कैलाश वर्मा, उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी, प्रो खुशवंत सिंह, अमर अद्वितीय, वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र त्रिपाठी, राकेश भार्गव, प्रीति अग्रवाल, आमोद शर्मा, साधना भार्गव, मुनीश भार्गव आदि रहे।

गोष्ठी का संचालन मंच के सचिव डॉ. धर्मराज सिंह ने और आभार डॉ. आरके चतुर्वेदी ने व्यक्त किया।