प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल से प्रदूषित हो रही मिट्टी
नई दिल्ली, 05 मई खेती में प्लास्टिक शीट (मलचिंग) के इस्तेमाल से मिट्टी भी प्रदूषित हो रही है। पर्यावरण प्रदूषण पर काम करने वाली संस्था टॉक्सिक लिंक ने अलग-अलग जगहों पर कृषि भूमियों से ली गई

नई दिल्ली, 05 मई खेती में प्लास्टिक शीट (मलचिंग) के इस्तेमाल से मिट्टी भी प्रदूषित हो रही है।
पर्यावरण प्रदूषण पर काम करने वाली संस्था टॉक्सिक लिंक ने अलग-अलग जगहों पर कृषि भूमियों से ली गई
मिट्टी की जांच के आधार पर इसका दावा किया है। संस्था के मुताबिक, मिट्टी के नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक पाए
गए हैं।
संस्था के मुताबिक मिट्टी की गुणवत्ता पर प्लास्टिक द्वारा पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों की जांच के लिए
कर्नाटक के बेलगाम और महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में खेतों से नमूने लिए गए। इन जगहों पर बीते बीस साल से
प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल किया जा रहा है। दरअसल, मिट्टी में नमी को बनाए रखने के लिए खेतों में इसका
इस्तेमाल किया जाता है।
लेकिन, फसल लेने के बाद आमतौर पर इस प्लास्टिक शीट को ऐसे ही छोड़ दिया जाता
है। जिसके चलते उसके कण मिट्टी में घुलते रहते हैं
और प्रदूषित करते हैं। सतह से पंद्रह सेंटीमीटर नीचे भी
मिट्टी में माइक्रोप्लास्टिक पाए जा रहे हैं।
टॉक्सिक लिंक की मुख्य कार्यक्रम समन्वयक प्रीति महेश ने बताया कि
आधुनिक खेती में प्लास्टिक के इस्तेमाल से पर्यावरण की वहनीयता अवरुद्ध हो रही है।
मलचिंग में इस्तेमाल की
जाने वाली प्लास्टिक बहुत पतली होती है। इन पतली परतों को हटाना या इनका पुनर्चक्रण बहुत ही श्रमसाध्य और
महंगा है।