लिंक्डइन भी जान गया कि हिंदी में अपार संभावनाएं हैं
जॉबकास्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 93 प्रतिशत नियोक्ता नये कर्मचारियों के लिए लिंक्डइन का प्रयोग करते हैं। इसी तरह, 66 प्रतिशत नियोक्ता इसके लिए फेसबुक का, और 54 प्रतिशत ट्विटर का उपयोग करते हैं। अगर नौकरी तलाशने वालों की बात की जाये, तो केवल 36 प्रतिशत लोग ही लिंक्डइन पर हैं, 40 प्रतिशत ट्विटर पर, और सबसे ज्यादा 83 प्रतिशत फेसबुक पर मौजूद रहते हैं। लिंक्डइन ने हाल ही में अपनी हिंदी सेवा भी शुरू कर दी है और इसके लिए कंपनी भारत के प्रमुख अखबारों में फुल पेज के विज्ञापन और रेडियो के माध्यम से भी प्रचार कर रही है। जाहिर है कि लिंक्डइन को अब हिंदी भाषी यूजर्स की तलाश है, क्योंकि दुनिया भर की कंपनियां भारतीय प्रतिभाओं की तलाश में हैं और उन्हें भारत में बहुत संभावनाएं नजर आती हैं।
टॉकिंग पॉइंट्स
लिंक्डइन भी जान गया कि हिंदी में अपार संभावनाएं हैं
नरविजय यादव
तकनीक और नयी सोच युवाओं को मजबूती दे सकती है। नौकरी तलाशने के लिए सोशल मीडिया इन दिनों एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है। अनुमान है कि 80 फीसदी से अधिक नियोक्ता नये कर्मचारियों की तलाश सोशल मीडिया पर करते हैं। जॉबकास्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 93 प्रतिशत नियोक्ता नये कर्मचारियों के लिए लिंक्डइन का प्रयोग करते हैं। इसी तरह, 66 प्रतिशत नियोक्ता इसके लिए फेसबुक का, और 54 प्रतिशत ट्विटर का उपयोग करते हैं। अगर नौकरी तलाशने वालों की बात की जाये, तो केवल 36 प्रतिशत लोग ही लिंक्डइन पर हैं, 40 प्रतिशत ट्विटर पर, और सबसे ज्यादा 83 प्रतिशत फेसबुक पर मौजूद रहते हैं। लिंक्डइन ने हाल ही में अपनी हिंदी सेवा भी शुरू कर दी है और इसके लिए कंपनी भारत के प्रमुख अखबारों में फुल पेज के विज्ञापन और रेडियो के माध्यम से भी प्रचार कर रही है। जाहिर है कि लिंक्डइन को अब हिंदी भाषी यूजर्स की तलाश है, क्योंकि दुनिया भर की कंपनियां भारतीय प्रतिभाओं की तलाश में हैं और उन्हें भारत में बहुत संभावनाएं नजर आती हैं।
सोशल मीडिया के जरिए ऐसे लोगों को आसानी से जॉब मिलता है, जिनका प्रोफाइल अच्छा है, साथ ही जिनके नाम को कई लोगों ने रेफर भी किया हो। इससे यह भी साफ होता है कि जॉब की तलाश करने वालों को अपने सोशल मीडिया पर इमेज खराब करने वाली और फालतू की चीजें पोस्ट नहीं करनी चाहिए। समझदारी से और इमेज अच्छी करने वाली सामग्री पोस्ट करने से बात बन सकती है। इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति का कहना है कि सभी क्षेत्रों में ढेरों अवसर मौजूद हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल, बीमा, हाउसिंग, पर्यटन, होटल, पौष्टिक भोजन, यानी हर सेक्टर में अवसरों की भरमार है। सभी क्षेत्रों में अवसर हैं। वह कहते हैं कि सरकार की जिम्मेदारी नौकरी देना नहीं है, बल्कि ऐसा वातावरण प्रदान करना है जहां नौकरियां पैदा करने वालों को बढ़ावा मिले। सरकारी मशीनरी को किसी नये उद्यम में तब तक दखल नहीं देना चाहिए, जब तक वह सालाना 50 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल न कर ले।
उधर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भविष्य को लेकर दो बड़ी भविष्यवाणियां की हैं। एक – भारत जल्द ही दुनिया की तीन टॉप इकॉनोमी में शुमार होगा। दो – रिलायंस इंडस्ट्रीज दुनिया की सबसे मजबूत और प्रतिष्ठित भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों में से एक होगी। धीरूभाई अंबानी के जन्मदिवस के कार्यक्रम में अंबानी ने कहा कि हम रिलायंस के स्वर्णिम दशक के दूसरे हिस्से में प्रवेश कर रहे हैं। हमारी कंपनी का भविष्य मुझे पहले से कहीं ज्यादा उज्ज्वल दिख रहा है। टाटा ग्रुप की ओर से भी देश के उज्ज्वल भविष्य को लेकर अच्छे संकेत मिल रहे हैं। खबरों से पता चलता है कि टाटा समूह आगामी वर्षों में डिजिटल, न्यू इनर्जी, लचीली सप्लाई चेन और हेल्थकेयर पर ध्यान केंद्रित करेगा। टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने कर्मचारियों को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की अर्थव्यवस्था के 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जो दुनिया की अर्थव्यवस्था वृद्धि के अनुमानित 4.9 प्रतिशत से काफी अधिक है। कंपनी को उम्मीद है कि वो भारत की 2024 तक 3 ट्रिलियन डॉलर (225 लाख करोड़ रुपये) की अर्थव्यस्था बनने की महत्वाकांक्षा को पूरा करने में भूमिका निभा सकती है।
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नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं।
ईमेल: narvijayindia@gmail.com