सीपी लक्ष्मी सिंह का बड़ा एक्शन नोएडा में मुस्लिम बुजुर्ग से मारपीट मामला
नोएडा, जुलाई 2021 में मुस्लिम बुजुर्ग पर सांप्रदायिक हमला करने के मामले में कार्यवाही न करने पर नोएडा सीपी लक्ष्मी सिंह ने कार्यवाही करते हुए 02 निरीक्षकों और 02 आरक्षियों को निलंबित कर दिया है।
नोएडा, जुलाई 2021 में मुस्लिम बुजुर्ग पर सांप्रदायिक हमला करने के
मामले में कार्यवाही न करने पर नोएडा सीपी लक्ष्मी सिंह ने कार्यवाही करते हुए 02 निरीक्षकों और
02 आरक्षियों को निलंबित कर दिया है। तत्कालीन एसएचओ, तत्कालीन चौकी इंचार्ज और 02
आरक्षियों को सीपी लक्ष्मी सिंह के आदेश पर निलंबित किया गया है। प्रकरण का सुप्रीम कोर्ट द्वारा
संज्ञान लेने पर नोएडा पुलिस ने 18 महीने बाद 15 जनवरी को मुकदमा दर्ज किया था। तत्कालीन
एसएचओ और चौकी इंचार्ज के द्वारा लापरवाही बरतने के चलते सीपी नोएडा द्वारा कार्यवाही की गई
है। सीपी नोएडा लक्ष्मी सिंह ने कार्यवाही करते हुए तत्कालीन एसएचओ आजाद सिंह तोमर,
तत्कालीन चौकी इंचार्ज
, वर्तमान एसएचओ-113 प्रमोद प्रजापति और 02 आरक्षियों को निलंबित कर
दिया है।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली के जाकिर नगर निवासी कजीम अहमद ने बताया, "मैं 4 जुलाई 2021 को सुबह 7 बजे
जाकिर नगर से अलीगढ़ जाने के लिए निकला था। उस दिन सुबह लगभग 8 बजे नोएडा के सेक्टर-
37 बस स्टैंड पर पहुंचा और बस का इंतजार करने लगा। इसी दौरान सफेद रंग की एक कार वहां
आकर रुकी। कार में बैठे ड्राइवर ने इशारा करके पूछा कि कहां जाओगे?
कजीम अहमद आगे बताते हैं कि उन्होंने अलीगढ़ जाना बताया और ड्राइवर से किराए के बारे में
जानकारी ली। बातें होने के बाद कजीम अहमद कार में बैठ गए। कार में ड्राइवर और तीन अन्य लोग
सवार थे। बाकी सीट खाली थीं।
कजीम असहज होने लगे
कजीम अहमद का कहना है कि कार सवारों की बातचीत और लहजे से असहज महसूस करने लगे।
करीम को उन लोगों की गतिविधियों पर शक होने लगा। लिहाजा, कार रुकवाने और उतरने का
प्रयास किया। कार सवार लोगों ने जबरदस्ती गेट बंद कर लिया। कार के ड्राइवर ने सेंट्रल लॉक
लगाकर कार को रोड पर चलाना शुरू कर दिया।
फिर शुरू हुई मारपीट
नोएडा के सेक्टर-39 थाने में अब करीब डेढ़ साल बाद दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक कार में
बैठे लोगों ने कजीम अहमद पर लात और कुहनी से हमला कर दिया। ड्राइवर के कहने पर कजीम
अहमद के गले में अगोंछा डालकर गला घोटना शुरू कर दिया। कजीम के अनुसार ड्राइवर के कहने
पर अन्य कार सवार व्यक्तियों ने कजीम की पेचकस से आंख फोड़ने की कोशिश की। कजीम ने
बचाव किया तो पेचकश आंख की जगह नाक पर लगा। कार सवार लोगों का हमला लगातार जारी
रहा। कजीम कहते हैं, ;उन्होंने मुझे मुल्ला- मुल्ला कहकर दाढ़ी नौच डाली। मैं हाथ जोड़कर रहम की
भीख मांगता रहा। उन्होंने हमला बन्द नहीं किया। मुझे मन भरकर पीटा गया।
कजीम के अनुसार
उनके ऊपर सांप्रदायिक हमला किया गया था।
वह बताते हैं कि लगभग 15 मिनट बाद कजीम को
अधमरा समझकर सेक्टर-37 से लगभग 4 किलोमीटर दूर कार से धक्का दे दिया गया और कार
सवार फरार हो गए।
नोएडा पुलिस के पास गए
कजीम इस हमले में बेहोश हो गए थे। उन्होंने बताया होश आया तो सामने एक व्यक्ति खड़ा था।
उस व्यक्ति के साथ कजीम ट्रैफिक लाइट तक पहुंचे। फिर एक बाइक पर सवार होकर बैट्री रिक्शा
वाले तक गए। बैट्री रिक्शा में सवार होकर कजीम ने सेक्टर-37 पुलिस चौकी गए। चौकी पर तैनात
तीन पुलिसकर्मियों को अपनी आप बीती सुनाई। कजीम के अनुसार पुलिसकर्मियों ने कजीम की बात
सुनकर सिर्फ नाम और पता पूछा।
पुलिसकर्मियों का उदासीन और कोई कार्यवाही न करने वाला रवैया
देखकर कजीम ऑटो रिक्शा में बैठकर अपनी डॉक्टर भांजी के पास गए। वह दिल्ली के जामिया नगर
में रहती हैं। कजीम की भांजी ने डरे-सहमे अपने मामा का घर में ही उपचार किया।
मैनेज करने पहुंची पुलिस
काजिम के अनुसार रात को डेढ़ बजे तकरीबन 7-8 पुलिसकर्मी कजीम के घर जाकिर नगर गए।
उनके भाई गनी मुस्तफा को घर से लेकर जामिया नगर उनकी डॉक्टर भांजी के घर पर पहुंचे।
कजीम ने शिकायत में लिखा है कि एक पुलिसकर्मी ने कहा, ;मेरा नाम सलाउद्दीन है। मैं मुसलमान
हूं। इसीलिए नोएडा पुलिस ने मुझे आपके पास भेजा है।
; कजीम आगे लिखते हैं,;पुलिसकर्मी ने कहा
कि कुछ मीडिया हाउस ने इस खबर को ट्वीटर पर डाल दिया है। जिसकी वजह से हमारे ऊपर बहुत
प्रेशर है। तो मामले को रफा-दफा करो और ट्विटर से भी सारी ट्वीट डिलीट कर दो। दूसरी तरफ
लगातार हम पर प्रेशर बना हुआ है। हम कोई कानूनी कार्यवाही न करें।