हिमाचल में मानसून से पहले जोरदार बारिश; दस जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी
शिमला-हिमाचल प्रदेश में मानसून आने से पहले ही बारिश का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार रात को प्रदेश के मंडी व बिलासपुर सहित कई क्षेत्रों में जहां भारी बारिश हुई हैं, तो वहीं राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में कल सुबह बारिश का दौर जारी रहा
शिमला-हिमाचल प्रदेश में मानसून आने से पहले ही बारिश का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार रात को प्रदेश के मंडी व बिलासपुर सहित कई क्षेत्रों में जहां भारी बारिश हुई हैं
, तो वहीं राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में कल सुबह बारिश का दौर जारी रहा। वहीं, कांगड़ा जिला के कई क्षेत्रों में बारिश के साथ-साथ तूफान भी आया है, जिसके कारण किसानों-बागबानों की फसलों को नुकसान हुआ है। आज भी प्रदेश के कई
जिलों में भारी बारिश के आसार है। इसको लेकर मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश के दस जिलों में तेज तूफान के साथ भारी बारिश होगी। लाहुल-स्पीति व किन्नौर जिला को छोडक़र सभी
जिलों के लिए यलो अलर्ट जार किया है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के भी आसार हैं।
मौसम विभाग की माने तो आने वाले कुछ दिनों तक प्रदेश में बारिश, ओलावृष्टि और तूफान का दौर जारी रहेगा। प्रदेश में 18 जून तक यलो अलर्ट जारी रहेगा। 23 जून के बाद हिमाचल में प्री मानसून की बौछारें शुरू हो जाएंगी।
अधिकतम तापमान
ऊना 37, शिमला 25.2, सुंदरनगर 33.9, भुतंर 31.5, ऊना 37, नाहन 32.6, मनाली 24, कांगड़ा 34.4, बिलासपुर 34.5, चंबा में 32.9, कुफरी 20.2, हमीरपुर 35.5, डलहौजी 23.1 डिग्री सेल्सियस
मौसम विभाग के अनुसार कहां, कितनी बारिश
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश मंडी जिला के जोगिंद्रनगर में दर्ज की गई है। यहां पर 50 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा अघर में 39, नाहन और नयना देवी में 25, घमरूर और कसौली में 21, बड़सर में
20, बरठीं में 19, बिलासपुर में 17 , अर्की में 16, अंब, नगरोटा सूरियां और नादौन में 11 , शिलारू और मशोबरा में दस, ऊना में नौ और कंडाघाट में आठ एमएम बारिश दर्ज की गई है।
प्री-मानसून में 195 करोड़ बहे
मार्च से लेकर जून महीने को प्री मानसून सीजन कहा जाता है। इस सीजन में अब तक प्रदेश को बारिश व ओलावृष्टि के कारण 195 करोड़ का नुकसान हो चुका है। शिमला में सबसे ज्यादा 85 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बागबानी क्षेत्र में 91 करोड़ और
कृषि क्षेत्र में 54 करोड़ के नुकसान का आंकलन है। इसके अलावा जल शक्ति विभाग में 24 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन है।