भारतीय वैदिक संस्कृति का अत्यंत पावन व प्रेम पूर्ण त्योहार है होली

वृन्दावन। छटीकरा रोड़ स्थित कपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में ठाकुर श्रीराधिका बिहारी जू महाराज का 20 वाँ त्रिदिवसीय पाटोत्सव एवं होली महोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत दूसरे दिन संत -विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।

भारतीय वैदिक संस्कृति का अत्यंत पावन व प्रेम पूर्ण त्योहार है होली

भारतीय वैदिक संस्कृति का अत्यंत पावन व प्रेम पूर्ण त्योहार है होली 

वृन्दावन। छटीकरा रोड़ स्थित कपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में ठाकुर श्रीराधिका बिहारी जू महाराज का 20 वाँ त्रिदिवसीय पाटोत्सव एवं होली महोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत दूसरे दिन संत -विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज एवं विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य रामविलास चतुर्वेदी ने कहा कि रंगभरनी एकादशी ब्रज का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। आज के ही दिन से समूचे ब्रज में घनघोर रंगभरी होली का शुभारम्भ हो जाता है। इसी दिन से श्रीधामवृन्दावन के प्राचीन सप्त देवालय रंग से सराबोर होने लग जाते हैं। साथ ही प्राचीन काल के संतों द्वारा प्रारम्भ की गई परम्परा नुसार ब्रजवासी एवं भक्त-श्रद्धालु श्रीधाम वृन्दावन की पंच कोसीय परिक्रमा अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ करते हैं।


महामंडलेश्वर साध्वी राधिका साधिका पुरी (जटा वाली मां) एवं स्वामी भुवनानंद महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व होली भारतीय वैदिक संस्कृति का अत्यंत पावन व प्रेम पूर्ण त्योहार है। यह सामाजिक सौहार्द्र व समरसता का भी पर्व है। इसीलिए हमारे सदगुरुदेव ने आज के ही दिन 19 वर्ष पूर्व ठाकुर राधिका बिहारी जू महाराज को कपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में प्रतिष्ठित किया था।


वरिष्ठ साहित्यकार व महोत्सव के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ  ने कहा कि होली का पर्व हमें यह सन्देश देता है कि जिस प्रकार भक्त प्रह्लाद के समक्ष होलिका का कोई महत्व नहीं रहा,उसी प्रकार पुण्य के समक्ष पाप का कोई अस्तित्व नहीं है। सत्य सदैव ही असत्य पर विजय प्राप्त करता है। 


प्रख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य विपिन बापू एवं आचार्य बद्रीश महाराज ने कहा कि जीवात्मा का परमात्मा के साथ महाभाव की स्थिति में अवस्थित हो कर के परमात्मा के साथ मिलन ही यथार्थ की होली है। गोपियां महाभावा स्वरूपा हैं, इसीलिए श्रीकृष्ण रूपी आनंद सिंधु में उनके साथ साक्षात रूप से गोपियां अवगाहन करती हैं।


महोत्सव में महामंडलेश्वर नवल गिरि महाराज, महंत ब्रह्मानंद महाराज, भागवताचार्य डॉ. रामदत्त मिश्रा, प्रमुख भाजपा नेता रामदेव सिंह भगौर, बसपा नेता देवीसिंह कुंतल, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, संत रासबिहारी दास, बाल व्यास ध्रुव शर्मा, साध्वी पूर्णिमा साधिका, साध्वी नमिता साधिका, साध्वी सीता साधिका, राम प्रकाश सक्सेना, डॉ. लक्ष्मी सक्सेना, पप्पू सरदार, पवन गौतम, राजू शर्मा, पुरुषोत्तम गौतम, बीके सूतैल आदि की उपस्थिति विशेष रही।

संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।इससे पूर्व ठाकुर श्रीराधिका बिहारी महाराज की गाजे-बाजे के मध्य समूचे नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई।जिसमें सैकड़ों भक्त-श्रृद्धालु नाचते-झूमते हुए शामिल हुए।कार्यक्रम के अंतर्गत संतों व विद्वानों ने महामंडलेश्वर साध्वी राधिका साधिका पुरी जटा वाली मां का सम्मान किया।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।