लखनऊ से मां कामाख्‍या के दर्शन होंगे आसान

लखनऊ से शक्ति पीठ मां कामाख्या के दर्शन अब और आसानी से हो सकेंगे। इसके लिए जल्द ही गोमतीनगर से डिब्रूगढ़ तक नई ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है।

लखनऊ से मां कामाख्‍या के दर्शन होंगे आसान

लखनऊ से मां कामाख्‍या के दर्शन होंगे आसान, गोमतीनगर से डिब्रूगढ़ तक ट्रेन को मिल सकती है मंजूरी

लखनऊ से शक्ति पीठ मां कामाख्या के दर्शन अब और आसानी से हो सकेंगे। इसके लिए जल्द ही गोमतीनगर से डिब्रूगढ़ तक नई ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे ने इसका प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। इस पर लगभग सहमति बन चुकी है। यह ट्रेन अयोध्या धाम और गोरखपुर होकर चलेगी।

लखनऊः लखनऊ से शक्ति पीठ मां कामाख्या के दर्शन अब और आसानी से हो सकेंगे। इसके लिए जल्द ही गोमतीनगर से डिब्रूगढ़ तक नई ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे ने इसका प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। इस पर लगभग सहमति बन चुकी है। यह ट्रेन अयोध्या धाम और गोरखपुर होकर चलेगी।महाशिवरात्रि पर महाकुंभ के अंतिम स्नान के बाद प्रयागराज से लौटने वाली ट्रेनें यात्रियों की भीड़ से फुल रहीं। वहीं, लखनऊ से जाने वाली ट्रेनों की स्थिति सामान्य रही। यही हाल रोडवेज बसों का भी रहा। प्रयागराज जाने वाली ज्यादातर बसों में यात्रियों की संख्या काफी कम रही।

04255 कुंभ मेला स्पेशल दोपहर करीब दो बजे चारबाग के प्लेटफॉर्म नंबर चार पर पहुंची, तो प्रयागराज के यात्रियों को सवार होने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। ट्रेन के रवाना होने तक आरपीएफ और जीआरपी के जवान गश्त लगाते रहे। वहीं शाम सवा छह बजे जाने वाली गंगा गोमती में भी पिछले दिनों की तुलना में भीड़ कम रही। इसके अलावा प्रयागराज जाने वाले नियमित ट्रेनें पहले से फुल रही। हालांकि, लखनऊ से सवार होने वाले यात्रियों की संख्या काफी कम थी।

इस बीच सुबह के समय प्रयागराज जाने की कुछ भीड़ रही। हालांकि, दोपहर बाद सीटें खाली होने के बावजूद बसों को रवाना किया गया, ताकि वापसी में होने वाली दिक्कत से बचा जा सके। क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि बुधवार को स्थिति बेहद सामान्य थी। वापसी के लिए भी पर्याप्त बसें थीं, इससे किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई।महाकुंभ से लौटने के लिए ट्रेनों में जगह की मारामारी रही। दिल्ली, मुंबई, पंजाब आदि महानगरों से आए लोग वापसी में किसी तरह लखनऊ पहुंचे तो आगे जाने के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ा।

तत्काल में भी टिकट नहीं मिले। ऐसे में पूछताछ काउंटर पर ट्रेनों की जानकारी लेने वालों की लाइन लगी रही।