बच्चे के लंग्स में दूध उपचार के दौरान मृत्यु

बोतल से दूध पिलाते समय बच्चे के लंग्स में दूध चला गया। बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने लगी और वह बेहोश हो गया।

बच्चे के लंग्स में दूध  उपचार के दौरान मृत्यु

बोतल से दूध पिलाते समय बच्चे के लंग्स में दूध चला गया ,इलाज के दौरान मौत

गाज़ियाबाद। बोतल से दूध पिलाते समय बच्चे के लंग्स में दूध चला गया। बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने लगी और वह बेहोश हो गया। स्वजन बच्चे को दोपहर ढ़ाई बजे उपचार के लिए विजयनगर स्थित फ्लोरिस हास्पिटल में लेकर पहुंचे। दो घंटे बाद स्वजन ने 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल करके एंबुलेंस मंगा ली और बच्चे को जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंच गए। 

सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि सिद्धार्थनगर के रहने वाले शुभम के चार माह के बेटे विहान को इमरजेंसी में मृतावस्था में लाया गया। चिकित्सकों ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित करते हुए शव को शव वाहन से उनके घर भिजवा दिया, लेकिन बच्चे के शव को लेकर स्वजन फ्लोरिस हास्पिटल पर पहुंचे और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए।

उधर फ्लोरिस हास्पिटल के निदेशक मनोज कुमार सिंह का कहना है कि बच्चे को दोपहर को लाया गया था। तुरंत नीकू वार्ड में भर्ती करते हुए इलाज शुरू किया गया, लेकिन दो घंटे बाद स्वजन जबरन बच्चे को सरकारी अस्पताल ले गए। वेंटिलेटर वाली एंबुलेंस में बच्चे को नहीं ले गए। मृत बच्चे के पिता शुभम का आरोप है कि फ्लोरिस हास्पिटल में बच्चे के इलाज में चिकित्सकों ने लापरवाही बरती है। इसकी पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को लिखित में शिकायत की जाएगी।

जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में बुखार के 163 मरीजों में 21 बच्चे भी पहुंचे। इनमें से एक को भर्ती किया गया है। इमरजेंसी में पहुंचे 82 मरीजों में से उल्टी-दस्त के 10 मरीज पहुंचे। इनमें सात बच्चे शामिल हैं और 14 मरीजों को भर्ती किया गया। सात को गंभीर हालत में हायर सेंटर को रेफर किया गया है।

सीएमएस ने बताया कि ओपीडी में पहुंचे कुल 1459 में 654 महिला और 544 पुरुष मरीज शामिल हैं। 261 बीमार बच्चे पहुंचे। आंखों में खुजली और जलन के 173 मरीज पहुंचे। भर्ती मरीजों की संख्या 113 है। संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे 790 मरीजों में 336 महिला,300 पुरुष और 67 बीमार बच्चे शामिल हैं। 12 बच्चों को भर्ती किया गया है।

संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में लगी एमसीवी जलने से तारों में आग लग गई। इसके चलते बिजली गुल हो गई और मरीजों में भगदड़ मच गई। सीएमएस डॉ. विनोद चंद पांडेय ने तुरंत इलेक्ट्रीशियन को बुलाकर एमसीवी बदलवाई। दो घंटे में पूरे अस्पताल की बिजली आपूर्ति बहाल हो गई।

इससे पहले कई बार अस्पताल में आग लग चुकी है। फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने का काम तेजी से चल रहा है।