ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली बनती हैं हादसों का सबब।

सीतापुर।क्षेत्रीय पुलिस और एआर टीओ की उदासीनता के चलते ओवर लोड ट्रैक्टर-ट्राली सड़कों पर बेलगाम होकर मौत बनकर दौड़ रहे हैं। दिन छिपते ही जिले में ओवर लोडिंग का खेल शुरू हो जाता है।

ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली बनती हैं हादसों का सबब।


   सीतापुर।क्षेत्रीय पुलिस और एआर टीओ की उदासीनता के चलते ओवर लोड ट्रैक्टर-ट्राली सड़कों पर बेलगाम होकर मौत बनकर दौड़ रहे हैं। दिन छिपते ही जिले में ओवर लोडिंग का खेल शुरू हो जाता है। लकड़ी और भूसा से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्राली रात में आसानी से चैक पोस्ट से पास हो जाते हैं।


    लोगों का आरोप है कि यह पुलिस और एआरटीओ की कमाई का जरिया बन चुके हैं।ओवरलोड वाहन से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। इसके बावजूद एआरटीओ और पुलिस इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार हर साल सड़क हादसों में करीब दो सौ पचास लोग जान गंवा देते हैं। जबकि एक सौ पचास से अधिक लोग अपाहिज हो जाते हैं।

इसके बावजूद ओवरलोड वाहन संचालकों की नकेल नहीं कसी जा रही है। अफसरों की मानें तो नियमानुसार ट्राले का रजिस्टे्रशन केवल कृषि कार्यों को करने के लिए हो सकता है, लेकिन फिर भी जिले भर में अवैध रूप से ट्रालों का संचालन हो रहा है। इन ट्रालों से जिले भर के गन्ना क्रय केंद्रों से गन्ना लोड कर चीनी मिलों तक ढोया जाता है। 


   इसके अलावा लकड़ी एवं अन्य सामान भी इन ट्रालों से खूब ढोया जा रहा है। इन ट्रालों में गन्ना इस कदर भरा होता है कि इसमें आगे और पीछे का कुछ भी नहीं दिखाई देता। लोगों का आरोप है कि यातायात पुलिस और एआरटीओ इसे अनदेखा करते हैं।