जीवन के स्वर्णिम सूत्र" पर गोष्ठी सम्पन्न
सकारात्मक सोच राह आसान करती है -आचार्य ब्रह्मदेव वेदालंकार
गाजियाबाद,रविवार 21 नवम्बर 2021,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "जीवन के स्वर्णिम सूत्र" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 316 वां वेबिनार था।
वैदिक विद्वान आचार्य ब्रह्मदेव वेदालंकार ने कहा कि जीवन में सकारात्मक सोच रखने से जीवन सुखद हो जायेगा।जीवन की धूप-छांव और आंख मिचौली के यथार्थ को समझे बिना जीवन को सफल और सार्थक तरीके से नहीं जिया जा सकता है।इस परिवर्तन शील जगत की वास्तविकता को समझें और स्वयं को उसके लिए मानसिक रूप से तैयार करें। सकारात्मक शक्तियों से जुड़े धर्म और अध्यात्म की चेतना के संपर्क में रहने वाले लोगों की आंखें तो समय रहते अवश्य खुलनी चाहिए।उन्हें यह चिंतन करना है कि हमें केवल वर्तमान में ही नहीं जीना है,भविष्य के लिए भी खुद को तैयार करना है।यौवन के आगे बुढ़ापा है।इसे अनदेखा नहीं करना है।बचपन को यौवन के संदर्भ में,यौवन को बुढ़ापे के संदर्भ में और पूरे जीवन को मौत के संदर्भ में देखना चाहिए।हमारी बहुत सारी सफलताएं और असफलताएं हमारी दृष्टि पर निर्भर हैं। दृष्टि किससे प्राप्त होती है? दृष्टि अभ्यास से प्राप्त होती है। दृष्टि प्राप्त नहीं है तो हम सचाई को कभी समझ नहीं पाएंगे और हमारी समझ भी विकसित नहीं होगी।अभ्यास बहुत जरूरी चीज है।अभ्यास जरूरत के समय ही नहीं,बल्कि हर समय होना चाहिए।अखाड़े में उतरने वाला पहलवान रोज अभ्यास करता है। ऐसा नहीं है कि जब कुश्ती लड़ना हो तभी अभ्यास शुरू करो। तैयारी बहुत पहले से करनी पड़ती है।किसान खेती का अभ्यास केवल सीजन में ही नहीं करता,वह रोज करता है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि दूसरों की गलतियों को माफ करना और आगे बढ़ना चाहिए।छोटी छोटी बातों को याद रखने से जिंदगी बोझिल हो जाती है,जिंदगी हंसते मुस्काते जीनी चाहिए ।
मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार यादव (प्रधान,आर्य समाज वृंदावन गार्डन,साहिबाबाद) ने कहा कि ईमानदारी व कड़ी मेहनत जीवन में सफलता के लिए आवश्यक है।
अध्यक्ष आर्य नेता सतीश नागपाल ने कहा कि मनुष्य जीवन बड़ा अनमोल है हम अपने आचरण व्यवहार से और सुंदर बना सकते है ।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि योग जीवन का आधार है योगी व्यक्ति निराश नहीं होता ।
गायिका बिंदु मदान, करुणा चांदना(मेरठ),रविन्द्र गुप्ता, किरण सहगल, रेखा वर्मा, प्रवीना ठक्कर, नरेशप्रसाद, कमला हंस,रजनी गर्ग आदि ने मधुर भजन सुनाये ।