नोएडा किसान आंदोलन : आखिर गुस्से में क्यों हैं किसान
नोएडा के किसानों ने आज पूरे जिले को जड़ कर दिया है। पूरे दिन लोग ट्रैफिक जाम से जूझते रहे। लेकिन, क्या आप जानते हैं
नोएडा के किसानों ने आज पूरे जिले को जड़ कर दिया है। पूरे दिन लोग
ट्रैफिक जाम से जूझते रहे। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आखिर किसानों को यह आंदोलन क्यों करना
पड़ रहा है और क्या वजह है कि वे आज अपनी ही जमीन के लिए सड़कों पर बैठे हुए हैं। वे पुलिस और
प्रशासन से भी जूझ रहे हैं।
पूरा शहर थमा, हजारों किसान रोड पर
अपनी मांगों को लेकर जिले के एक 149 गांवों के किसान एकजुट हो गए हैं। इनमें महिलाओं से लेकर
बच्चे तक शामिल हैं। किसान आंदोलन की वजह से सुबह से ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और
दिल्ली के कई रास्तों पर जाम लगा हुआ है। आपको बता दें कि इस वक्त गौतमबुद्ध नगर के किसान
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और नाेएडा के एनटीपीसी दफ्तर पर धरना दे रहे हैं।
सुबह से सड़कों पर किसानों का रेला
गौतमबुद्ध नगर के किसानों ने करीब 10 दिन पहले ही बड़े आंदोलन का ऐलान कर दिया था। किसानों
के करीब बीस संगठनों ने महापंचायत करके संयुक्त घोषणा की थी। किसानों ने कहा था कि हम लोग
पिछले करीब एक साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की पंचायत, महापंचायत और धरना-
प्रदर्शन चल रहे हैं।
सरकार और विकास प्राधिकरण अफसरों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। लिहाजा,
अब दिल्ली जाकर संसद को अपनी बात सुनानी पड़ेगी। किसानों ने 8 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान
किया गया था। इस घोषणा के मुताबिक, गुरुवार की सुबह नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट,
दनकौर, ज़ेवर, रबूपुरा, दादरी, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, खुर्जा, अलीगढ़ और गाजियाबाद से किसानों के
झुंड बुधवार की रात और गुरुवार की सुबह नोएडा-ग्रेटर नोएडा पहुंचने लगे थे। सुबह 11 बजे से किसानों
के जत्थों ने दिल्ली की तरफ कूच किया।
क्या है ग्रेटर नोएडा के किसानों की मांग
किसानों की मुख्य मांगें 10 प्रतिशत प्लॉट, लीजबैक मामलों का निस्तारण, युवाओं को स्थानीय कंपनियों
में नौकरी, भूमिहीन किसानों को 40 मीटर के प्लॉट और क्योस्क में स्थानीय महिलाओं को 33 प्रतिशत
आरक्षण देना शामिल है। इन्हीं मांगों को लेकर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान को आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी
किसान बढ़ा हुआ मुआवजा, स्थानीय लोगों को रोजगार, 10 प्रतिशत प्लॉट और आबादी की समस्या के
पूर्ण निपटारे की मांग कर रहे हैं। दोनों जगहों पर अब तक कोई भी स्थानीय नेता किसानों की समस्याएं
सुनने नहीं पहुंचा। किसान जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी नाराज हैं। वे
भी उनकी मांगों को ऊपर तक नहीं पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने एनटीपीसी और नोएडा
प्राधिकरण को काफी समय दे दिया है। लेकिन, अब तक हमारी मांगों को लेकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति
ही की जा रही है।
इसलिए अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस आंदोलन में भारी संख्या में
महिलाएं भी हिस्सा ले रहीं हैं।