छात्रों के लिए लाई गई नशे की खेप पकड़ी
ग्रेटर नोएडा, सेक्टर बीटा-टू कोतवाली पुलिस और स्वॉट टीम ने दिल्ली- एनसीआर के कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों को सप्लाई करने के लिए लाया गया 500 किलो गांजा बरामद किया है।
ग्रेटर नोएडा, । सेक्टर बीटा-टू कोतवाली पुलिस और स्वॉट टीम ने दिल्ली-
एनसीआर के कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों को सप्लाई करने के लिए लाया गया 500 किलो गांजा
बरामद किया है। यह गांजा उड़ीसा से एक कैंटर में छिपाकर लाया गया था। पुलिस ने इस मामले में
महिला समेत सात तस्करों को गिरफ्तार किया है।
बरामद गांजे की कीमत एक करोड़ रुपये से
अधिक बताई गई है।
ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के
विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत स्वॉट टीम को नोएडा व ग्रेटर नोएडा में गांजा तस्करी करने
गैंग के बारे में सूचना मिली थी। मुखबिर की सूचना पर रविवार रात स्वॉट टीम और सेक्टर बीटा-टू
कोतवाली की पुलिस टीम ने सेक्टर सिग्मा-1 में दबिश देकर एक कैंटर, एक महिंद्रा पिकअप गाड़ी
और स्कूटी से 502 किलो ग्राम गांजा बरामद किया। पुलिस ने मौके से महिला समेत सात तस्करों
को धर दबोचा, जिनकी पहचान मोहम्मद आजाद निवासी अशोक नगर दिल्ली, फैय्याज, ऋषिराम,
साजन, योगेश यादव और राजकुमार के रूप में हुई है। सभी फिलहाल नोएडा में रहते थे। पुलिस ने
आरोपियों से एक कैंटर, एक महिंद्रा पिकअप गाड़ी, एक स्कूटी व छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
डीसीपी ने बताया कि बरामद गांजे की कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है। उड़ीसा से लाए गए
गांजे की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी में
की जानी थी। पुलिस के मुताबिक आरोपी ऋषिराज, आजाद और महिला के कहने पर साजन शाह,
योगेश यादव और राजकुमार शाह गांजा लेकर आए थे।
आरोपी महिला और गैंग से जुड़े अन्य तस्करों
का दिल्ली-एनसीआर में नेटवर्क फैला हुआ है, जिनकी मदद से गांजे की सप्लाई की जाती थी।
डीसीपी ने बताया कि इस गैंग से जुड़े अन्य तस्करों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
पुलिस द्वारा बरामद गांजे की खेप एक महिला तस्कर के कहने पर लाई गई थी। पकड़े गए
आरोपियों ने सेक्टर सिगमा वन स्थित प्राधिकरण की खाली पड़ी जमीन पर गांजे को छिपा रखा था।
पुलिस के मुताबिक गांजे की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न कॉलेज व यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले
छात्रों को की जानी थी। नशा तस्करों द्वारा पुड़िया बनाकर गांजे की सप्लाई की जाती थी। पुलिस
इस गैंग में जुड़े अन्य तस्करों के बारे में जानकारी जुटा रही है।