बढ़ती शुगर को कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये 6 सुपर टिप्स
हम सभी जानते हैं कि खाने-पीने के रेडीमेड सामानों और सॉफ्ट ड्रिंक्स के जरिए हम सबसे ज्यादा शुगर (चीनी) कंज्यूम करते हैं। ये शूगर ही हमारे शरीर को कई तरहों से और सबसे ज्यादा नुकसान भी पहुंचाती है।
हम सभी जानते हैं कि खाने-पीने के रेडीमेड सामानों और सॉफ्ट ड्रिंक्स के जरिए हम सबसे ज्यादा शुगर (चीनी)
कंज्यूम करते हैं। ये शूगर ही हमारे शरीर को कई तरहों से और सबसे ज्यादा नुकसान भी पहुंचाती है। इस एक्स्ट्रा
शुगर से आपकी सेहत को कोई भी फायदा नहीं होता बल्कि जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के
मुताबिक ये शरीर में घटिया किस्म के कॉलेस्ट्रोल को बढ़ावा देती है
जिससे आगे चलकर दिल से संबंधित बीमारियों
का खतरा पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
ज्यादा शुगर वाली खाने-पीने की चीजें इस्तेमाल करने से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है। एडल्ट्स को करीब
30 ग्राम शुगर एक दिन में कंज्यूम करने की सलाह दी जाती है जबकि 4 से 6 साल के बच्चों के लिए ये मात्रा
19 ग्राम और 7 से 10 साल के बच्चों के लिए 34 ग्राम है। अगर आप मीठा खाने के बहुत ज्यादा शौकीन हैं और
डायबिटीज जैसे इसके नुकसानों से भी बचे रहना चाहते हैं
तो न्यूट्रीशन एक्सपर्ट डॉक्टर मर्लिन ग्लेनविल बता रहीं
हैं ऐसे 6 तरीके जिससे आप अपनी आदत बदले बिना रह सकते हैं डायबिटीज से दूर...
बाहर संभल कर खाएं: सबसे ज्यादा शुगर बाहर से खाने-पीने वाली चीजों के जरिये कंज्यूम की जाती हैं। ऐसे में
थोड़े सी सतर्कता से आप मीठा खाकर भी बीमारियों से बचे रह सकते हैं।
आपको करना बस इतना है कि स्पैगिटी
सॉस और मियोनीज की जगह ऑर्गनिक योगार्ट इस्तेमाल करें
और ऐसी दुकानों पर खाएं जो अपने सॉस खुद तैयार
करते हैं। घर में बने सॉस में अपेक्षाकृत कम शुगर होती है।
कम-कम खाइए लेकिन जरूर खाइए: डायबिटीज है और लो ब्लड शुगर जैसी दिक्कतों से जूझना पड़ता है तो साथ
में चॉकलेट बार या मीठी बिस्किट्स का पैकेट रखिए। थोड़ा-थोड़ा खाइए लेकिन खाना अवॉयड मत कीजिये। नाश्ता,
लंच और डिनर के आलावा दोपहर और शाम में स्नैक्स भी लीजिए। तीन घंटे से ज्यादा बिना खाए मत रहिए नहीं
तो लो ब्लड शुगर की दिक्कत को झेलना ही पड़ेगा।
इस दौरान फास्टिंग से बचे: जब आपने अपनी डाइट से शुगर कम करने का जिम्मा उठाया है तो फास्टिंग से बचे।
बालिग लोगों के हिसाब से एक पुरुष को दिन में 2500 कैलोरी जबकि महिला को कम से कम 2000 कैलोरी
कंज्यूम करनी ही चाहिए। हालांकि डाइट में शुगर और कार्बोहाइड्रेट से बचें। बता दें कि लो या हाई ब्लड शुगर ही
शरीर में इन्सुलिन के स्त्राव पर असर डालता है।
इसके अलावा स्ट्रेस हारमोंस जैसे एड्रिलिन और कोरिस्टोल भी इसी
से नियंत्रित होते हैं।
दिन में दूसरी बार कॉफी या चाय पीने से बचें: चाय या कॉफी के जरिये आप जो कैफीन कंज्यूम करते हैं अब उस
पर भी कंट्रोल करने का समय आ गया है। चाय या कॉफी पीने से शरीर में एड्रिलिन और कोरिस्टोल हारमोन का
स्त्राव होता है जिससे इन्सुलिन का स्त्राव अफेक्ट होता है। चाय या कॉफी आपमें ज्यादा शुगर कंज्यूम करने की
आदत को भी बढ़ावा देती हैं।
कार्बोहाइड्रेट के साथ डाइट में शामिल करें प्रोटीन: ये तो सब जानते हैं कि शरीर में पहुंचने के बाद कार्बोहाइड्रेट ही
टूटकर शुगर में तब्दील हो जाता है। लेकिन आप जितना प्रोटीन का इस्तेमाल करेंगे वो कार्बोहाइड्रेट के शुगर में
तब्दील होने की प्रक्रिया को उतना ही धीमा और नियंत्रित कर देगा। आप डाइट में मूंगफली जैसी चीजों को शामिल
कर ऐसा कर सकते हैं।
कम्फर्ट डाइट से बचें: आप जब भी स्ट्रेस्ड फील करते हैं कुछ मीठा खाना चाहते हैं और ज्यादातर लोग मीठा खाते
भी हैं। स्ट्रेस की सिचुएशन में मीठे को कम्फर्ट फूड कहा जाता है, क्योंकि मीठा खाने से आप राहत महसूस करते
हैं। लोग सिर्फ स्ट्रेस में ही नहीं, बोर होने, अकेले होने, दुखी होने और गुस्सा होने पर भी कम्फर्ट इटिंग करते हैं।
बस आपको करना इतना है कि इसका दूसरा रास्ता निकालें और मीठा खाने की जगह किसी दूसरी एक्टिविटी में
खुद को व्यस्त कर लें।