गाजियाबाद में गिरफ्तार हुआ ठग कई नामों से नौ परिवारों को बनाया शिकार

गाजियाबाद। अपना नाम कभी राजू तो कभी भीम सिंह बताते पुलिस को अपहरण की कहानी सुनाने वाले युवक की असली पहचान राजस्थान के इन्द्रराज के रूप में हुई है। शुक्रवार को साहिबाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

गाजियाबाद में गिरफ्तार हुआ ठग कई नामों से नौ परिवारों को बनाया शिकार

गाजियाबाद में गिरफ्तार हुआ ठग कई नामों से नौ परिवारों को बनाया शिकार

गाजियाबाद। अपना नाम कभी राजू तो कभी भीम सिंह बताते पुलिस को अपहरण की कहानी सुनाने वाले युवक की असली पहचान राजस्थान के इन्द्रराज के रूप में हुई है। शुक्रवार को साहिबाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। वह नौ परिवार में पहचान छिपाकर रहा, चार परिवार के बारे में पुलिस ने जानकारी जुटा ली है।पांच अन्य परिवार के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस जांच में पता चला कि बिना कोई मेहनत किए ऐशो-आराम की जिंदगी गुजारने के लिए वह लोगों के घर में पहचान छिपाकर रहता था, जब शक होता कि उसकी पोल खुल जाएगी तो बहाने से उस घर को छोड़कर दूसरे घर की तलाश में निकल जाता था।

फिर किसी भी थाने में पहुंचता और वहां पर वह पुलिस से कहता कि उसका अपहरण हुआ है, पुलिस जब उसकी पहचान के लिए लोगों को बुलाती तो किसी एक परिवार को वह अपना परिवार कहता और उनके साथ रहने लगता था।डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि राजस्थान के जिला अनूपगढ़ स्थित जसद बुगिया का इन्द्रराज 24 नवंबर 2024 को एक युवक खोड़ा थाने पहुंचा और अपना नाम राजू बताया। उसने कहा कि 30 साल पहले उसका अपहरण कर लिया गया था, उसको राजस्थान के जैसलमेर में बंधक बनाकर रखा गया था।

वहां से मौका मिलने पर वह ट्रक में बैठकर किसी तरह दिल्ली आया और दिल्ली से भटकते हुए गाजियाबाद के खोड़ा तक पहुंचा। पुलिस ने उसकी पहचान के लिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सूचना आमजन तक पहुंचाई तो कुछ ऐसे परिवार के लोग थाने पहुंचे, जिनके बच्चे लंबे वक्त से लापता हैं।

इन्हीं में साहिबाबाद के शहीदनगर में रहने वाले तुलाराम ने थाने पहुंचकर खुद को राजू बताने वाले इन्द्रराज की पहचान अपने बेटे भीम सिंह उर्फ पन्नू के रूप में की। उसको अपने साथ घर ले गए, वहां पर पांच दिन रहने पर उसके आचरण और हाव- भाव से तुलाराम को शक हुआ तो पुलिस से उन्होंने शिकायत कर जांच की मांग की।

पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की तो पहले तो वह खुद को तुलाराम को बेटा भीम सिंह ही बताता रहा, सख्ती करने पर उसने अपनी असली पहचान पुलिस के सामने उजागर करते हुए कहा कि न तो राजू न भीम सिंह, असल में मैं राजस्थान के अनूपगढ़ का इन्द्रराज हूं। पूछताछ में बताया कि वह बचपन से घर और रिश्तेदारों के यहां चोरी करने लगा था, इस हरकत से परेशान होकर वर्ष 2005 में स्वजन ने घर से निकाल दिया था।

वह वर्ष 2021 में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिला स्थित रावतसर में रहने वाले हेतराम के घर में दूर का रिश्तेदार बनकर तीन माह तक रुका और चोरी की वारदात कर भाग निकला। इस मामले में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से चोरी का माल बरामद किया था।

वह जमानत पर जेल से बाहर आया। वर्ष 2023 में वह राजस्थान के सीकर में पहुंचा। यहां पर गउराम नायक के घर में उनका बेटा पंकज बनकर दो माह तक रहा। जब उसे लगा कि उसकी पोल खुल सकती है तो वहां से देहरादून पहुंचा , यहां पर वह जुलाई 2024 में ब्राह्मण वाला मजरा में रहने वाली आशा शर्मा के घर चार माह तक उनका बेटा मोनू बनकर रहा। वहां से वह नौकरी की तलाश में दिल्ली आया और अब तुलाराम के घर पहुंच गया था। पुलिस ने बताया कि आरोपित पंजाब के भटिंडा, राजस्थान के जैसलमेर, हरियाणा के सिरसा में भी लोगों के घर में रहा है।उसके बारे में विस्तृत जानकारी की जा रही है, यह भी पता लगाया जा रहा है कि 2005 से 2021 तक वह कहां पर रहा है,

हालांकि उसने पूछताछ में बताया कि उसने घर से निकाले जाने के बाद कई साल तक अलग - अलग जगह मजदूरी का काम किया। मेलों में भी उसने काम किया है।