आईपीएल पर सट्टा लगवाने वाले छह सटोरिए पकड़े

गाजियाबाद, 29 अप्रैल आईपीएल मैचों पर सट्टा लगवाने वाले सटोरियों के गैंग का कविनगर पुलिस ने पर्दाफाश किया है।

आईपीएल पर सट्टा लगवाने वाले छह सटोरिए पकड़े

गाजियाबाद, 29 अप्रैल ( आईपीएल मैचों पर सट्टा लगवाने वाले सटोरियों के गैंग का
कविनगर पुलिस ने पर्दाफाश किया है।

पुलिस ने छह सटोरियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से आठ
मोबाइल फोन और 83 हजार रुपए बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी अलग.अलग एप


डाउनलोड कराकर सट्टा लगवाते थे और पेटीएम पर एक वॉलेट आईडी में रकम डलवाते थे। हारने
पर वॉलेट में जमा रकम में से रकम कट जाती थी। दिल्ली में बैठे गैंग सरगना एवं मुख्य बुकी से


आरोपियों के तार जुड़े हुए हैं। पुलिस इस बुकी को भी पकडऩे का प्रयास कर रही है।


डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर कविनगर पुलिस ने
शास्त्रीनगर से छह सटोरियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में नेहरू नगर निवासी


विपिन लूथरा, पंचवटी कॉलोनी निवासी दिनेश कुमार गोयल उर्फ धन्नू, महेन्द्रा एनक्लेव निवासी
अनिल चौधरी,

श्रीराम अपार्टमेंट निवासी सौरभ धींगरा, विजयनगर निवासी गौरव यादव और जटवाड़ा
निवासी प्रिंस चौधरी शामिल हैं।

सभी 10वीं व 12वीं पास हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह
दिल्ली के एक बुकी के जरिए आईपीएल में सट्टा लगवा रहे थे। डीसीपी का कहना है कि पूछताछ के


आधार पर आरोपियों के नेटवर्क से जुड़े अन्य सटोरियों को भी पकडऩे का प्रयास किया जा रहा है।
ऑनलाइन चलता था सट्टा, हर एक गेंद व रन पर तय होती थी रकम


डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपी सट्टे का पूरा धंधा ऑनलाइन करते थे। पूछताछ
में आरोपियों ने बताया कि वह व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से लोगों को टीम व खिलाडिय़ों पर नंबर


बताकर सट्टा लगवाते थे। इसके अलावा निशान बनाकर भी उन्हें सट्टा लगाने की जानकारी दी


जाती थी। पुलिस की मानें तो मैच की हर एक गेंद, रन, खिलाड़ी और टीम के स्कोर पर सट्टे का
खेल होता था।

डेढ़ प्रतिशत कमीशन से चला रहे थे परिवार का खर्च
डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल का कहना है कि आरोपी हार.जीत पर डेढ़ पर्सेंट कमीशन वसूलते थे।


आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके काम धंधे चौपट हो जाने की वजह से वह आर्थिक तंगी से
गुजर रहे थे। आईपीएल शुरू होने के बाद मिले कमीशन से ही परिवार का खर्च उठा रहे थे। पुलिस


पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी बीते तीन सालों से सट्टे का धंधा कर रहे हैं। डीसीपी की मानें
तो हारने व जीतने की रकम का आरोपी यूपी बॉर्डर पर आकर लेन.देन करते थे।