आंगनवाड़ी व सहायिकाओ ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन :सावित्री चौधरी

नीलम शर्मा ने बताया कि   कोराना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया क्योंकि 2 अक्टूबर 2021 को अधिकार यात्रा निकाली गई थी व 4 अक्टूबर को लखनऊ इको गार्डन में एक दिवसीय सांकेतिक  विशाल धरना प्रदर्शन किया गया था तभी 15 दिन का आश्वासन दिया गया था उसके बाद 20 अक्टूबर से आंदोलन चल रहा है  

आंगनवाड़ी व सहायिकाओ ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन :सावित्री चौधरी

*आंगनवाड़ी व सहायिकाओ ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन :सावित्री चौधरी*

*सोनू कौशिक -आज का मुद्दा *

बुलंदशहर सोमवार की सुबह काला आम मलका पार्क में आंगनवाड़ी व सहायिकाओं  ने एकत्रित होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष सावित्री चौधरी के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा
आज 6,12, 2021 को आंगनवाड़ी मिनी आंगनवाड़ी में सहायिका संगठन के आह्वान पर पूरे उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय अध्यक्ष सविता चौधरी के आदेश अनुसार अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया          आंगनवाड़ी जिला अध्यक्ष अंजू शर्मा व नीलम शर्मा ब्लाक अध्यक्ष ने बताया की डीएम के माध्यम से सौपे गए ज्ञापन के द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी मांगों से अवगत कराया
नीलम शर्मा ने बताया कि   कोराना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया क्योंकि 2 अक्टूबर 2021 को अधिकार यात्रा निकाली गई थी व 4 अक्टूबर को लखनऊ इको गार्डन में एक दिवसीय सांकेतिक  विशाल धरना प्रदर्शन किया गया था तभी 15 दिन का आश्वासन दिया गया था उसके बाद 20 अक्टूबर से आंदोलन चल रहा है  आंगनवाड़ी कर्मचारी काली पट्टी बांधकर अपना कार्य कर रही हैं साथ साथ बीच-बीच में कई अभियान चल रहे हैं जैसे ट्यूटर अभियान पत्र लेखन अभियान और 11 नवंबर से पूरे उत्तर प्रदेश में मोबाइल वापस करो अभियान चल रहा है यह मोबाइल केवल एक डिब्बा बना रखा है केवल आंगनबाड़ी की निगरानी करने के लिए यह मोबाइल दिए गए हैं उस आंगनवाड़ी की निगरानी करने के लिए जो कोराना काल में सरकार के साथ ढाल बनकर खड़ी रही वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक सौगात मिली है वह  भी एक खाली  डिब्बा मोबाइल जिसके बाद हमें अपने बच्चों के मोबाइल से कार्य करना पड़ता है बड़े ही दुख के साथ व्यक्त करना पड़ रहा है कि एक से ज्यादा एंड्रॉयड फोन आंगनबाड़ी कर्मचारी खरीद नहीं सकती इतनी कम सैलरी में आंगनवाड़ी कर्मचारी बहुत आर्थिक व मानसिक पीड़ा झेल रही हैं आज भी आंगनबाड़ियों का आंदोलन जारी है 6 दिसंबर से आंगनबाड़ियों ने काम बंद करके हड़ताल शुरू की है मांगे पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी जब सरकार बनी थी तो आंगनबाड़ियों को 120 दिन का समय दिया गया था आप को सम्मानजनक मानदेय दिया जाएगा जो मानदेय आज तक नहीं मिला है जिस में आंगनबाड़ियों की 11 मांगे हैं आंगनबाड़ियों को दिए गए मोबाइल वापस किए जाएं क्योंकि उसमें कोई भी फंक्शन नहीं है और ना ही कोई मोबाइल डाटा मिल रहा है और ना ही कोई सिम है आठवीं क्लास पढ़ी हुई आंगनवाड़ी इस मोबाइल को कैसे चला पाएंगे उनको कोई ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है आंगनबाड़ी कार्यकत्री मिनी आंगनवाड़ी सहायिका को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए महंगाई को देखते हुए कम से कम मानदेय 25000 रु दिए जाने चाहिए जब तक यह मांग पूरी नहीं होती है आंगनबाड़ी की मानदेय वृद्धि हरियाणा पंजाब दिल्ली तेलुगु ना आदि प्रदेशों की तर्ज पर होनी चाहिए इन प्रदेशों में 8000 से लेकर 13000 रुपए मानदेय दिया जाता है आंगनबाड़ी के मानदेय को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाए जो न्यूनतम मजदूरी से कम ना हो आंगनवाड़ी कर्मियों की सुरक्षा के लिए 300 करोड़ आंगनवाड़ी कल्याण कोष बनाया जाए चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारियों व आंगनबाड़ियों के लिए 25% का कोटा होना चाहिए राज्य कर्मचारियों की तरह सभी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं सेवानिवृत्ति आंगनबाड़ियों को एकमुश्त 1000000 का वजीफा दिया जाए जो बुढ़ापे में हम आसानी से गुजर बसर कर सके आईसीडीएस विभाग में बाहरी व्यक्ति व संस्थाओं का हस्तक्षेप बिल्कुल बंद किया जाए तथा मुख्य सेविका  के रिक्त पदो पर वरिष्ठता के आधार पर पूर्ण रूप से आंगनबाड़ी का प्रमोशन किया जाना चाहिए आंगनबाड़ियों के लिए भयमुक्त व शोषण मुक्त नीति बनाई जाए देश में सारी समस्याओं की जड़ बढ़ती आबादी पर भी सरकार नीति बनाए जो आंगनबाड़ियों का भी मूल कर्तव्य भी है इस मौके पर सैकड़ों आंगनबाड़ी कर्मचारी सहायिका  संगठन मौजूद रहे