ज्येष्ठ पूर्णिमा पर मां विंध्यवासिनी के जयकारे से गूंजा विंध्यधाम
-मनोकामना पूरी होने पर विंध्यवासिनी मंदिर की छत पर सुनी कथा -मां के भव्य स्वरूप का दर्शन पाने के लिए लालायित दिखे श्रद्धालु
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मीरजापुर, 14 जून ( ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर मंगलवार को मां विंध्यवासिनी की चौखट पर आस्था
का सैलाब उमड़ पड़ा।
आस्थावानों ने श्रद्धा-भाव से शीश नवाकर मंगलकामना की। वहीं, मनोकामना पूरी होने पर
विंध्यवासिनी मंदिर की छत पर श्रद्धालुओं ने सत्यनारायन भगवान की कथा सुनी।
मंगलवार का दिन होने के नाते
दर्शनार्थियों की भीड़ अधिक थी। मां विंध्यवासिनी का आंगन श्रद्धालुओं से पटा रहा।
क्या छोटे, क्या बड़े सभी
श्रद्धा-भाव से मां के भव्य स्वरूप का दर्शन पाने के लिए लालायित दिखे।
पुष्पों से मां के किए गए भव्य श्रृंगार का दर्शन पाकर भक्तजन अभिभूत हो उठे। जगत जननी की भव्य आरती के
समय मां के जयघोष से विंध्यधाम देवीमय हो उठा। गंगा में डुबकी लगाने के बाद भक्त माला-फूल नारियल-चुनरी,
रोरी-रक्षा, लाचीदाना-कपूर आदि लेकर श्रद्धालु मंदिर की ओर बढ़े और कतारबद्ध हो गए। भक्त नंगे पांव मां का
जयकारा लगाते चल रहे थे। मंदिर के गुंबद और हवन कुंड की परिक्रमा करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा।
मां विध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के बाद भक्तों ने मंदिर परिसर पर विराजमान समस्त देवी-देवताओं के समक्ष शीश
नवाया। दर्शन-पूजन के बाद वापस लौटते समय श्रद्धालुओं ने विध्यधाम में सजी दुकानों से जरूरत के सामान
खरीदे। विंध्यधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रही। इससे
भक्तों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ा। सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
भीषण गर्मी में गश्त खाकर गिरा दर्शनार्थी : विंध्यवासिनी मंदिर पर दर्शनार्थियों की भीड़ इतनी थी कि भीषण गर्मी
के बीच कतारबद्ध एक श्रद्धालु गश्त खाकर गिर पड़े।
दरअसल, जौनपुर से एक परिवार मां विंध्यवासिनी का दर्शन
करने विंध्याचल आया था।
मंदिर पर कतारबद्ध परिवार के एक सदस्य भीषण गर्मी के कारण गश्त खाकर गिर
पड़ा।