तिकोला मेला में पुलिस ने डाला डेरा

शाहजहांपुर, 26 जून जलालाबाद आज सोमबार सुबह तिकोला मंदिर में काली मां के मंदिर पर 15 दिन तक चलने बाले मेले में 2 दर्जन से अधिक लगने बाले जुआ फड़ो को कोतवाल प्रवीण सोलंकी ने सुबह 8 बजे भारी पुलिस बल ले जाकर बंद करा दिया।

तिकोला मेला में पुलिस ने डाला डेरा

शाहजहांपुर, 26 जून ( जलालाबाद आज सोमबार सुबह तिकोला मंदिर में काली मां के
मंदिर पर 15 दिन तक चलने बाले मेले में 2 दर्जन से अधिक लगने बाले जुआ फड़ो को कोतवाल प्रवीण


सोलंकी ने सुबह 8 बजे भारी पुलिस बल ले जाकर बंद करा दिया। मेला में आम की बगिया में लगने


बालो फड़ो को ट्रेक्टर से जुताई कर दी और भारी संख्या में दरी, तंबू टेंट आदि जप्त कर ट्राली से थाने
भिजबा दिया।


जानकारी के अनुसार मेला कब से लग रहा है इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है।लेकिन ग्रामीणों
ने बताया यह मेला पांडव कालीन इतिहास से जुड़ा हुआ है। अज्ञातवास के दौरान पांडव बहगुल नदी के


किनारे टिकोला में रहे थे और यहां पर उन्होंने काली माता के मंदिर की स्थापना की थी। इसकी पूजा
अर्चना करते थे।

और खाली समय में जंगलों के बीच बैठकर जुआ खेला करते थे ऐसी किदवंती हैं।
आसपास के ग्रामीणों ने उस समय देखा और उनके जाने के बाद मंदिर की स्थापना स्थल पर ग्रामीणों ने


पूजा-पाठ किया जिससे उनकी मनोकामना पूर्ण होने लगी। साथ ही यहां मंदिर प्रांगण के बाग में तभी से
जुआ खेलने की परंपरा चली आ रही है।यहां पर आसपास पड़ोस के जनपद के अलावा अन्य प्रदेशों के भी


लोग भारी संख्या में जुआ खेलने आते हैं। एक अनुमान के अनुसार यहां पर हर साल करीब 50 करोड़
का जुआ खेला जाता है। जुआ खेलना एक सामाजिक बुराई के रूप में माना जाता है। पुलिस समय समय


पर कार्रवाई भी करती रहती है। परंतु यहां पर बीते वर्षों में एक बार पुलिस ने छापा मारा था तो भगदड़


मचने से चार जुआरी वहगुल नदी में कूद गए थे और उनकी मौत हो गई थी। उसके बाद पुलिस पीछे
हट गई।


गत वर्ष भी जयशंकर सिंह जब यहां के कोतवाल थे तो उन्होंने 1 दर्जन से अधिक जुआरियों के साथ
शराब, अवैध असलाह लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन जो उसके बाद में भी पूर्ण रूप से प्रतिबंधित


नहीं कर पाए। इस जुआ के पीछे समाज के शातिर दिमाग के लोग लगे रहते हैं जो जुआ खिलाने के


नाम पर धन उगाही भी करते हैं और उनके खाने पीने की व्यवस्था भी उन्हीं के द्वारा कराई जाती है।
उसके एवज में उन्हें मोटी रकम मिल जाती है।


इधर कल ही जिले के नए पुलिस कप्तान अशोक कुमार मीणा ने कार्यभार संभाला और उन्होंने
आपराधिक कृत्य रोके जाने के लिए पुलिस के पेज करें यहां मेले में सैकड़ों वर्षो से जुआ खेलने का


रिवाज ऐतिहासिक बना हुआ है तो वही आज स्थानीय पुलिस के कोतवाल प्रवीण सोलंकी ने साहसिक
कदम उठाते हुए भारी पुलिस बल के साथ पहुंचकर ऐतिहासिक जनों को बंद कराकर ऐतिहासिक काम कर


दिया है उन्होंने जहां जुआ खेला जाता था उस भाग को ट्रैक्टर से जुड़वा दिया चाहती वहां पर जो तंबू

पेंट पर दरी बिछौना आज सभी जप्त कर ट्रैक्टर ट्राली में भरवा कर थाने भिजवा दिए साथ ही वहां पर


थाना जलालाबाद एवं मिर्जापुर का पुलिस को तैनात कर दिया जो मेला समाप्ति तक वहां पर निरंतर
बैठेगा।


दूसरी ओर तमाम जुआरी जुआ स्थल से भागकर मेला में खड़े होकर इस बात का इंतजार करते देखे गए
कि पुलिस चली जाए और अपना जुआ फिर से शुरू हो जाए।वहीं जुआरी जुआरी बंद करने का विरोध भी


करते देखे गए और उन्होंने बताया प्राचीन काल से जुआ खेलने की प्रथा को पुलिस ने बंद करा कर ठीक
नहीं किया है और वह इस को लेकर पुलिस के लिए भला बुरा भी कहते थे। कई जुआरियों ने यह भी


बताया कि अचानक चुनाव बंद होने से उनका करोड़ों रुपया इधर-उधर गांव में फस गया है जो अब
निकलना मुश्किल हो जाएगा।