दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार
नई दिल्ली, 12 अगस्त)। ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद शुक्रवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया।
नई दिल्ली, 12 अगस्त । ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद शुक्रवार शाम को राष्ट्रीय
राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया। अधिकारियों ने यह
जानकारी दी। जलस्तर के खतरे के निशान के पार चले जाने के चलते प्रशासन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों
को वहां से हटाने के लिए योजना तैयार कर रहा है।
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने कहा कि शुक्रवार शाम चार बजे यमुना नदी का जलस्तर 205.38 मीटर तक जा
पहुंचा। इसने बृहस्पतिवार रात को चेतावनी जारी की थी। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, पुराने रेलवे पुल पर
शुक्रवार सुबह आठ बजे जलस्तर 203.86 मीटर था जो अपराह्न तीन बजे तक बढ़कर 205.29 मीटर हो गया।
दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब यमुना नगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले
पानी की मात्रा एक लाख क्यूसेक को पार कर जाती है। एक अधिकारी ने कहा कि इसी के साथ डूब क्षेत्र और बाढ़
संभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी चेतावनी में सभी सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में
निगरानी रखने और नदी तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों को चेतावनी देने के लिए आवश्यक संख्या में त्वरित
कार्रवाई बलों की तैनाती जैसे संवेदनशील बिंदुओं पर आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई। निचले इलाकों में
बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 34 नावों और सचल पंप को तैनात
किया है।
पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी अनिल बांका ने कहा, ‘‘दिल्ली में यमुना के डूब क्षेत्रों और निचले इलाकों में रहने वाले
लगभग 37,000 लोगों के बाढ़ की चपेट में आने की आशंका रहती है। हमने सभी संबंधित विभागों के साथ एक
बाढ़ नियंत्रण योजना साझा की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने का आग्रह कर रहे
हैं। अगर जलस्तर 206 मीटर के स्तर को पार कर जाता है
तो हम उन्हें हटाने के प्रयास शुरू करेंगे। ऐसा इस
शाम या कल सुबह हो सकता है।’’
बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बजे हरियाणा के यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से
करीब 2.21 लाख क्यूसेक और मध्य रात्रि 12 बजे करीब 1.55 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी थी।
एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के समतुल्य होता है। आमतौर पर हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352
क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का बहाव बढ़ जाता है।
बैराज से छोड़े गए
पानी को राजधानी पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बुधवार को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर
भारी से बहुत भारी बारिश हुई। पिछले साल 30 जुलाई को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया
था और पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 205.59 मीटर तक पहुंच गया था।