धर्म-कर्म

मुसीबतों में मन ही मन बोलें यह विष्णु मंत्र, शुभ फल मिलेंगे

धर्म-कर्म

धर्मग्रंथ कर्म को पूजा का दर्जा देते हैं, किंतु कर्म के साथ-साथ ईश्वर भक्ति और कृपा को भी सफल जीवन का सूत्र
भी माना गया है।

आज की व्यस्त जिंदगी में इंसान के पास काम व दायित्वों को पूरा करने की उलझन में ईश्वर
स्मरण के लिए वक्त निकालना मुश्किल है।

यही वजह है कि हम यहां बता रहे हैं धर्मग्रंथों का एक ऐसा सरल और असरदार मंत्र, जिसके लिए आस्था है कि
देव पूजा के अलावा कार्य और जिम्मेदारियों के दौरान किसी भी वक्त किसी काम के अटकने या उलझने पर मन
ही मन स्मरण करें, तो सारे काम बिना बाधा और परेशानी के पूरे हो जाते हैं।


यह मंत्र भगवान विष्णु के साथ उनके अवतार श्रीकृष्ण का स्मरण है। वर्तमान में चल रहे चैत्र माह के शुक्ल पक्ष
की एकादशी यानी कामदा एकादशी (11 अप्रैल) को भी इन दोनों देवताओं की उपासना का विशेष काल है, इसलिए
इस अनूठे योग में भी इस मंत्र का स्मरण बहुत ही शुभ फल देने वाला होगा।

जानिए यह मंगलकारी विष्णु मंत्र-
-सुबह स्नान के बाद यथासंभव पीले वस्त्र पहनकर देवालय में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा गंध, अक्षत,
पीले फूल व धूप, दीप से करें।


-पूजा के बाद इस मंत्र का यथाशक्ति जप करें। यही मंत्र दिन में किसी भी वक्त काम के दौरान या मुश्किलों के
वक्त ध्यान भी कर सकते हैं-


‘श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव’
कर्म की अहमियत बताने वाले भगवान श्रीकृष्ण और शांतिस्वरूप भगवान विष्णु के ध्यान से आपका हर काम न
केवल निर्विघ्र संपन्न होगा, बल्कि शांति और सुकून भी लाएगा।