पन्द्रह स्वास्थ्य केंद्रों को मिला कायाकल्प अवॉर्ड
फिरोजाबाद। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चल रही कायाकल्प अवॉर्ड योजना में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के चलते वर्ष 2022-23 में जनपद के कुल पंद्रह स्वास्थ्य केंद्रों को कायाकल्प अवॉर्ड प्राप्त हुए हैं।
फिरोजाबाद। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चल रही कायाकल्प अवॉर्ड योजना में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के चलते वर्ष 2022-23 में जनपद के कुल पंद्रह स्वास्थ्य केंद्रों को कायाकल्प अवॉर्ड प्राप्त हुए हैं। रामनगर, मैट्सेना और माड़ई स्वास्थ्य केंद्रों ने अपनी-अपनी कैटेगरी में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम बदन राम ने बताया कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और स्वच्छता के आधार पर ही अस्पतालों को कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत अवार्ड दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जनपद में स्वास्थ सेवाओं की गुणवत्ता का ही परिणाम है कि वर्ष 2022-23 में जनपद के कुल पन्द्रह स्वास्थ्य केंद्रों को अवार्ड दिया गया है। जिनमे से 6 सीएचसी को सन्त्वना पुरस्कार, पीएचसी मटसेना को पहला, करहरा को सांत्वना पुरस्कार मिला है। वहीं, यूपीएचसी रामनगर को पहला,नगला बरी और कच्चा टूंडला को सांत्वना पुरस्कार मिला है।हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) माड़ई को पहला, मोहम्मदपुर खेरिया दूसरा, सलेमपुर तीसरा और मदावली को सांत्वना पुरस्कार मिला है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और क्वालिटी एश्योरेंस प्रोग्राम के ज़िला सलाहकार डॉ रबीश कुमार सिंह ने बताया कि सन 2017-18 में जनपद के सीएचसी टूण्डला को कायाकल्प सांत्वना अवार्ड प्राप्त हुआ था। तब हमारे सामने कई चुनौतियां थी। जनपद के सभी एमओआईसी से मुलाकात कर उन्हें कायाकल्प अवार्ड योजना के बारे में बताया तथा समस्त स्टाफ को ट्रेनिंग देकर ओरिएंट किया। इसी का नतीजा है
कि वर्ष 2018 से लगातार कायाकल्प अवॉर्ड में बढोतरी हुई है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के क्वालिटी एश्योरेंस प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ के के वर्मा ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी कई चिकित्सा इकाइयों ने कायाकल्प अवार्ड योजना मैं प्रतिभाग किया जिसके परिणाम आ चुके हैं इस बार भी ज़िले से कुल 15 चिकित्सा इकाइयों को अवॉर्ड मिला है जो की हमारे ज़िले कि लिए हर्ष का विषय है।
डॉ. रबीश ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना को 15 मई 2015 को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत लांच किया गया था। जिसको दो चरणों में पूरा किया जाता है। पियर, एक्सटर्नल एसेसमेंट। शासन द्वारा एक चेक लिस्ट भी दी जाती है। चेक लिस्ट में दिए गए मानकों को पूरा किया जाता है। दो चरणों में कायाकल्प चेक लिस्ट में जिन चिकित्सा इकाइयों का कुल स्कोर 70% से ऊपर होता है उनको शासन द्वारा परिणाम फलस्वरूप अवॉर्ड घोषित किया जाता है।
जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट ने बताया कि दिशा-निर्देशों के मुताबिक 75 फीसदी पुरस्कार राशि का प्रयोग गैप क्लोजर, सुदृढ़ीकरण, रखरखाव और स्वच्छता व्यवस्था आदि में किए जाने का प्रावधान है, जबकि 25 फीसदी धनराशि से कर्मचारी कल्याण के कार्य होते हैं।इसका उद्देश्य चिकित्सालय कर्मियों के कार्यशैली एवं दक्षता में सुधार करना है।