मंदाकिनी नदी में आई बाढ़ से रामघाट की दुकानें डूबी

चित्रकूट, 03 अगस्त भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में लगातार हो रही बारिश के चलते गुरुवार की तड़के जलस्तर बढ़ने से मंदाकिनी नदी में बाढ़ आ गई, जिससे रामघाट की दुकानें डूबने लगीं।

मंदाकिनी नदी में आई बाढ़ से रामघाट की दुकानें डूबी

चित्रकूट, 03 अगस्त भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में लगातार हो रही बारिश के
चलते गुरुवार की तड़के जलस्तर बढ़ने से मंदाकिनी नदी में बाढ़ आ गई, जिससे रामघाट की दुकानें


डूबने लगीं। इससे व्यापारियों में हड़कंप मच गया।आनन-फानन में सभी व्यापारियों ने अपना सामान
दुकानों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।वहीं बाढ़ की खबर मिलते ही प्रशासन पूरी तरह


चौकन्ना हो गया। अधिकारियों ने नदी के किनारे बसे लोगों से सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचने की अपील
की है।


उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में रुक-रुक कर दो दिनों से हो रही बारिश के चलते धर्म


नगरी चित्रकूट की मंदाकिनी नदी में गुरुवार की तड़के बाढ़ आ गई, जिससे मंदाकिनी नदी के किनारे
स्थित रामघाट,आरोग्यधाम,स्फटिक शिला,जानकीकुड आदि घाट पूरी तरह डूब गए।


मंदाकिनी किनारे स्थित भगवान ब्रह्मा जी द्वारा स्थापित स्वामी मत्तगजेंद्र नाथ शिव मंदिर के पुजारी
विपिन महाराज ने बताया कि यूपी-एमपी के सीमावर्ती इलाकों के पहाड़ों में जोरदार बारिश होने के कारण


मंदाकिनी नदी में बाढ़ आ गई है। जिसका जलस्तर सुबह से लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बताया कि
मंदाकिनी नदी में मानसून की पहली बाढ़ आई है। क्षेत्राधिकारी नगर हर्ष पांडेय एवं कोतवाली प्रभारी


गुलाब त्रिपाठी ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर रामघाट के दुकानदारों से सुरक्षित स्थान में जाने
की अपील की।सीओ ने कहा कि मंदाकिनी नदी का जलस्तर लगातार बढ रहा है।इसलिए सुरक्षात्मक


दृष्टि से श्रद्धालुओं एवं व्यापारियों को मंदाकिनी नदी के किनारे जाने से रोका गया है। रत्नावली मार्ग से
श्रद्धालुओं को स्वामी मत्तगजेंद्र नाथ के दर्शन-पूजन के लिए रास्ता खोला गया हैै।


उधर मध्य प्रदेश के चित्रकूट एसडीओपी आशीष जैन ने एमपी क्षेत्र में तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित
स्थान में जाने की अपील की है। श्री जैन ने बताया कि देर रात्रि की बारिश के चलते मंदाकिनी नदी में


बाढ़ आ गई है। अभी लगातार इसका जलस्तर बढ़ रहा है। मंदाकिनी किनारे बने घाट पूरी तरह से पानी
में जलमग्न हो गए हैं।