भागीरथ पैलेस बाजार में आग लगने से 100 से अधिक दुकानें खाक
नई दिल्ली, 25 नवंबर)। उत्तरी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में थोक बाजार भागीरथ पैलेस में भीषण आग लगने से करीब 100 दुकानें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (। उत्तरी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में थोक बाजार भागीरथ
पैलेस में भीषण आग लगने से करीब 100 दुकानें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने शुक्रवार को यह
जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम लगी इस आग पर काबू पा लिया गया है और
अब जले हुए हिस्सों को ठंडा किया जा रहा है ताकि आग दोबारा न भड़क जाए। घटना में अभी तक
किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। पुलिस के मुताबिक आग लगने की घटना के दौरान
पांच इमारतें प्रभावित हुईं, जिसमें से तीन दुकानें बचाव अभियान के दौरान ढह गईं।
दमकल विभाग के अनुसार, उन्हें आग लगने की सूचना बृहस्पतिवार रात नौ बजकर 19 मिनट पर
मिली और दमकल की 40 गाड़ियों को तुरंत मौके पर भेजा गया। अभी दमकल की 22 गाड़ियां
वातावरण को ठंडा करने में जुटी हैं। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर 12 घंटे से अधिक समय में
काबू पाया गया। अधिकारियों ने बताया कि बाजार के महालक्ष्मी मार्केट इलाके में एक दुकान में आग
लग गई थी, जो तुरंत ही बाकी दुकानों में फैल गई। सभी दुकानें बिजली के उपकरणों की है।
प्लास्टिक और रबर के जलने की वजह से पैदा होने वाली जहरीली गैसों के परिणामस्वरूप आसमान
में सफेद धुंआ उठ रहा था और हवा प्रदूषित हो रही थी।
दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने शुक्रवार को कहा, ‘‘आग पर काबू पा लिया गया है।
अभी दमकल की 22 गाड़ियां शीतलन अभियान में जुटी हैं। हालांकि, आग लगने की वजह अभी तक
पता नहीं चल पाई है।’’ दमकल अधिकारियों ने बताया कि कमजोर ढांचे, पानी की कमी और संकरी
गलियों के कारण मकल कर्मियों को आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने कहा कि आग लगने की सूचना मिलते ही
दमकल विभाग, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) के
अधिकारी और पुलिस के रिजर्व बल मौके पर पहुंच गए। पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘आग बुझाने का
हर संभव प्रयास किया गया। फिलहाल कोई हताहत नहीं हुआ है। पांच प्रमुख इमारतें प्रभावित हुईं
और इनमें लगभग 100 दुकानें थीं जो जलकर खाक हो गईं। पांच प्रभावित इमारतों में से तीन ढह
गई हैं।’’
धमाकों की रुक-रुक कर हो रही आवाजों और इमारतों के टूटे-फूटे हिस्सों के गिरने की चेतावनी को
नजरअंदाज कर निराश व्यापारी, जिन्होंने बदबू को रोकने के लिए अपनी नाक और मुंह रूमाल से
ढके हुए थे, अपनी जली हुई दुकानों में प्रवेश करने के लिए अधीरता से इंतजार कर रहे थे ताकि वे
जो कुछ भी हासिल कर सकें।