सरस आजीविका मेले में लोगों ने इंडिया फूड कोर्ट के व्यंजनों का चखा स्वाद

सेक्टर-33 स्थित नोएडा हाट में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित सरस आजीविका मेले में आठवें दिन शुक्रवार को भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी।

सरस आजीविका मेले में लोगों ने इंडिया फूड कोर्ट के व्यंजनों का चखा स्वाद

सेक्टर-33 स्थित नोएडा हाट में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित
एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित सरस
आजीविका मेले में आठवें दिन शुक्रवार को भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। जहां लोगों ने विभिन्न
राज्यों के उत्पादों की जमकर खरीददारी की, वहीं इंडिया फूड कोर्ट में विभिन्न राज्यों के व्यंजनों का

सवाद चखा। इंडिया फूड कोर्ट के कोर्डिनेटर श्रेयस कश्यप ने बताया कि यहां इस बार देश भर के 20
राज्यों की 80 गृहणियों के समूह ने अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाए हैं, जिनमें
हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त हो रहा है।


राजस्थानी कैर सागरी गट्टे की सब्ज़ी से लेकर बंगाल की फिश करी, तेलंगाना का चिकन, बिहार की
लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग व मक्के की रोटी, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, हरियाणा के बाजरे व
ज्वार के लड्डू बिस्कुट, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट सहित पूरे भारत के पकवान मौजूद हैं।
मेले के आठवें दिन यहां विभिन्न प्रकार के टेस्टी मोमोज तथा सूप के स्वाद को लोगों ने चखा। वहीं
मिजोरम के शेजवान राइस, स्पेशल मिजो टी तथा मिजो सुगर का भी लोगों ने आनंद उठाया। गोवा के
फिश रवा फ्राई तथा प्रॉन्स लोगों को खासे भाए।

राजस्थानी थाली तथा पंजाब का साग और मक्के की
रोटी का स्वाद लोगों को खूब भाया। यहां महाराष्ट्र के बड़ा पाव तथा मसाला पाव के साथ ही असम के
मशरूम और पनीर मोमोज ने भी लोगों का दिल जीत लिया। इस अवसर पर स्थानीय व्यंजन में यूपी की
स्पेशल थाली भी लोगों को खूब पसंद आई।


एनआईआरडीपीआर के असिस्टेंट डायरेक्टर चिरंजीलाल कटारिया ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास
मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर)
द्वारा समर्थित इस सरस आजीविका मेला 2024 में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से
प्रदर्शन किया जा रहा है।

16 फरवरी से 04 मार्च तक चलने वाले इस उत्सव में देश के विभन्न राज्यों
के आकर्षक उत्पादों की उत्तम एवं किफायती कीमत में यहां खरीददारी की जा सकती है। उत्तम व्यवस्था
के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान के
अधिकारी एवं कर्मचारी यहां निगरानी में हैं।

व्यवस्था में एनआईआरडीपीआर के पदाधिकारियों एवं
कर्मचारियों का सहयोग निरंतर बना रहा। शुक्रवार को यहां मंच पर कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति से
दर्शकों का मन मोह लिया। इस बार मेले में 85 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिनका
नोएडावासी लुत्फ उठा सकेंगे। सरस आजीविका मेले में आठवें दिन खासी चहल-पहल रही। लोगों ने यहां
जमकर खरीददारी की।


शुक्रवार को यहां गुजरात की मुक्ताबेन एंथोनी बुद्धम सखी मंडल वुडन हैंडीक्राफ्ट तथा इमिटेशन ज्वैलरी
की महिलाओं ने खरीददारी की। कर्नाटक से चंद्रकला, शिल्पा तथा प्रवीन बानू के हैंडीक्राफ्ट्स प्रोडक्ट्स की
भी जमकर खरीददारी हुई। केरल के पैकेट्स बनाना चिप्स तथा कोकोनट आयल तथा मिक्स जूस की भी
धूम रही।

वहीं कर्नाटक के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद भी महिलाओं की पसंद बने। इसके साथ ही केरल के हर्बल
फूड, मसालों की अच्छी बिक्री हुई। जबकि पंजाब की हल्दी तथा हैंडीक्राफ्ट उत्पाद में कुचि आइटम लोगों
को खासे पसंद आए। इसके साथ ही हैंडलूम, साड़ी और ड्रेस मेटिरियल में विभिन्न राज्यों से हैं जो
महिलाओं और युवतियों की पसंद बने हैं। टसर की साड़ियां, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियां, काथा
की साड़ियां, राजस्थानी प्रिंट, चंदेरी साड़ियां। हिमाचल उत्तराखंड के ऊनी उत्पाद व हैंडलूम के विभिन्न
उत्पाद, झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य सहित मेले में पूरे भारत की ग्रामीण संस्कृति के

विविधता भरे उत्पाद उपलब्ध हैं। ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल
ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी,
मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क
गुजरात से, हरियाणा, का टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी यहां आकर्षण का केंद्र बने हैं।