रेलवे की लापरवाही और कमजोरियों को उजागर करता दिल्ली रेल हादसा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे के बाद भारतीय रेलवे की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगने लगे हैं। शनिवार रात नईदिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो चुकी है
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रेलवे की लापरवाही और कमजोरियों को उजागर करता दिल्ली रेल हादसा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे के बाद भारतीय रेलवे की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगनेलगे हैं। शनिवार रात नईदिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो चुकी है और12 से अधिक लोग घायल हैं। पूर्व में भी महाकुंभ के दौरान रेलवे प्लेटफार्म पर ऐन वक्त पर ट्रेन काप्लेटफार्म बदलने पर भगदड़ में लोगों की जान जाने की बड़ी दुर्घटना घटित हुई थी। प्रयागराजजंक्शन पर बारह वर्ष पूर्व 2013 के महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ हुई थी।
उसमें 42श्रद्धालुओं की मौत हुई थी, जबकि 46 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए। ठीक 12 वर्ष बाद, 15 फरवरीको नई दिल्ली स्टेशन पर उसी घटना की पुनरावृत्ति हुई है। हमारी सरकार और उसकी मशीनरी पुरानीदुर्घटनाओं के बुरे अनुभव से भी कोई सबक नहीं लेते हैं वरना इस हादसे को टाला जा सकता था।दिल्ली रेलवे स्टेशन देश का एक प्रमुख और अत्यधिक भीड़-भाड़ वाला रेलवे स्टेशन है, यह घटनाउस समय घटी, जब बड़ी संख्या में यात्री एक विशेष ट्रेन के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे थे। जैसे हीट्रेन का वक्त पास आया, भीड़ भगदड़ में बदल गई।
यह भगदड़ इतनी भयावह थी कि इसमें 18लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। यह घटनाक्रम एक बार फिर भारतीयरेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी कमजोरियों को उजागर करता है।इस दुखद और हृदय विदारक घटनाक्रम के बाद सबसे पहला और प्रमुख सवाल यह उठता है कि इसघटना के लिए भारतीय रेलवे प्रशासन जिम्मेदार है या नहीं? रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ की स्थितिको नियंत्रित करने में विफलता, सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करना, और आपातकालीन प्रतिक्रियाकी कमी यह सब भारतीय रेलवे के जिम्मेवार विभागों की लापरवाही को दर्शाते हैं।
रेलवे स्टेशन परसुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे की होती है, लेकिन इस घटना में साफ दिखता है किउपयुक्त योजना और प्रबंधन की कमी थी। यदि, रेलवे प्रशासन ने समय रहते उपाय किए होते, तोइस तरह के भयानक परिणाम से बचा जा सकता था।