दिल्ली की नई मुख्यमंत्री : चुनौतियों का सफर
प्रधानमंत्री श्री मोदी अपनी अलग कार्य शैली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने श्रीमती रेखा गुप्ता को दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने के अपने निर्णय को भी अंतिम क्षणों तक गोपनीय रखा।
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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री : चुनौतियों का सफर
प्रधानमंत्री श्री मोदी अपनी अलग कार्य शैली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने श्रीमती रेखा गुप्ता को दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने के अपने निर्णय को भी अंतिम क्षणों तक गोपनीय रखा। मीडिया के लोग कई लोगों के नामों को लेकर अनुमान लगाते रहे , परंतु हरबार की भांति इस बार भी प्रधानमंत्री ने अपने निर्णय की गोपनीयता को अंतिम क्षणों तक रहस्यमय बनाए रखा और हमने देखा कि दिल्ली की शालीमार गार्डन सीट से पहली बार विधायक बनकर आईं श्रीमती रेखा गुप्ता को उन्होंने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनवा दिया।
निश्चित रूप से श्रीमती रेखा गुप्ता के इस चयन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, परंतु स्पष्ट रूप से पार्टी और देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री श्री मोदी कर रहे हैं, इसलिए यही कहा जाएगा कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ एक अच्छा समन्वय स्थापित करते हुए श्रीमती गुप्ता को यह दायित्व दिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा सहित कई प्रदेशों में ऐसे चेहरों को आगे ला चुके हैं , उनका वह परीक्षण सफल हीरहा है।
इसके पीछे चाहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हो या प्रधानमंत्री श्री मोदी या उनके अन्य वरिष्ठ परामर्शदाता हों, सभी का उद्देश्य एक ही रहता है कि नया ' बेदाग चेहरा' लोगों को रास आएगा और वह मिले हुए अवसर के दृष्टिगत अच्छे से अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करेगा। जब ' दागदार चेहरों' को बड़ी जिम्मेदारियां दी जाती हैं तो वे उन्हें पूर्ण निष्ठा के साथ निभा नहीं पाते हैं या फिर अपनी परंपरागत कार्य शैली का परिचय देते हुए भ्रष्टाचार जैसे कार्यों में लग जाते हैं। जिसकी क्षति पार्टी को उठानी पड़ती है और अंत में राष्ट्र को भी ऐसे चेहरों से हानि ही मिलती है।
इस प्रकार के नए बेदाग चेहरों को आगे लाने से पार्टी और देश दोनों को दूर तक और देर तक लाभ मिलना स्वाभाविक है। बस अपनी इसी दूरगामी सोच के चलते भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का वर्तमान नेतृत्व ऐसे चेहरों को सामने लाता रहता है।पार्टी ने श्रीमती रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर नारी सशक्तिकरण के प्रति अपनी निष्ठा को व्यक्त किया है। वैसे भी इस समय देश में केवल एक ही महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल का नेतृत्व कर रही हैं ।
जब बार-बार नारी सशक्तिकरण की बात की जा रही हो, तब भाजपा ने एक महिला को मुख्यमंत्री बनाकर इस चर्चा को मानो एक नई ऊंचाई दी है।