सड़क पर 20 मिनट सड़क पर तड़पता रहा शख्स
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सड़क पर अमानवीयता का नजारा दिखा। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति तड़पता रहा।
Accident के बाद 20 मिनट सड़क पर तड़पता रहा शख्स, लोग बनाते रहे Video
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सड़क पर अमानवीयता का नजारा दिखा। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति तड़पता रहा। लोग दुर्घटना की जानकारी लेने के लिए रुके जरूर, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। 20 मिनट तक खून से सना व्यक्ति सड़क पर तड़पता रहा। आखिरकार एक व्यक्ति ने उसकी पीड़ा को समझा। पुलिसकर्मी ने घायल व्यक्ति को सड़े से उठाया और अस्पताल लेकर गया। दरअसल, बुधवार की सुबह आईपीईएम कॉलेज के पास किसी वाहन ने व्यक्ति की बाइक को टक्कर मार दी। माना जा रहा है कि पीछे से सिर में चोट लगने से प्रशांत कुमार (32) का बहुत खून बह चुका था।
कॉन्स्टेबल सोनू सिंह ने जब घायल व्यक्ति को सड़क पर तड़पते देखा तो उन्होंने भीड़ को किनारे किया। घायल को उठाया और ऑटो में बिठाकर निकट के अस्पताल में लेकर गया। प्रशांत करीब 20 मिनट तक बिना मदद के सड़क पर पड़ा रहा। वहां जमा हुई भीड़ में से कई लोगों ने अपने फोन निकाल लिए और वीडियो बना रहे थे। अन्य लोग पुलिस और एंबुलेंस को बुलाने पर चर्चा कर रहे थे। वास्तव में किसी ने कुछ नहीं किया। यह एक एक्सिडेंट का केस था। कोई भी इसमें शामिल नहीं होना चाहता था।
सोनू सिंह ने कहा कि मैं उसी सड़क पर था। प्रशांत कुछ मिनट पहले ही वहां से गुजरा था। वह अपने बाएं हाथ में हेलमेट पकड़े हुए था और धीरे-धीरे गाड़ी चला रहा था। सोनू ने बताया कि दुर्घटना मेरे स्थान से करीब 100 मीटर आगे हुई। कांस्टेबल ने भीड़ को इकट्ठा होते देखा और पाया कि क्या हुआ था। प्रशांत की मदद के लिए दौड़े सोनू ने कहा कि उन्होंने लोगों से परिवहन की व्यवस्था करने की गुहार लगाई, लेकिन कोई भी आगे नहीं आया। सोनू ने कहा कि मैंने मदद के लिए गुजरते वाहनों को रोकने की कोशिश की, लेकिन कोई भी वर्दी में एक पुलिसकर्मी को देखने के बावजूद नहीं रुका। आखिरकार सोनू ने एक ऑटो रोका, उसमें सवार यात्रियों को उतरने के लिए मजबूर किया। वह प्रशांत को मणिपाल अस्पताल ले गए, जो वहां से 5 किलोमीटर दूर था।
अस्पताल में आपातकालीन विभाग के प्रमुख डॉ. फैसल बारी ने कहा कि प्रशांत के सिर में गंभीर चोट थी। उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था। उन्होंने कहा कि अगर उसे समय पर इलाज नहीं मिलता तो मरीज की मौत हो सकती थी।
परिवार उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गया है, क्योंकि उसे सर्जरी की जरूरत है। प्रशांत की मां ने कहा कि वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। रक्त के थक्के के कारण उसे ब्रेन की सर्जरी की जरूरत है। डॉक्टरों ने कहा कि दुर्घटना में बहुत अधिक खून बह गया है। यह शर्म की बात है कि वहां मौजूद लोग मेरे बेटे की मदद के लिए आगे नहीं आए। प्रशांत के बड़े भाई की 19 साल की उम्र में एक दुर्घटना में मौत हो गई थी।
2016 में गुड सेमेरिटन कानून पारित होने और सुप्रीम कोर्ट से दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वाले लोगों को कानूनी सुरक्षा का आश्वासन मिलने के बावजूद राहगीर अक्सर दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने से कतराते हैं। वर्ष 2021 में सड़क परिवहन मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को गोल्डन ऑवर के भीतर अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाने वालों को 5000 रुपये का नकद इनाम देने की योजना भी शुरू की। हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर राघवेंद्र कुमार ने कहा कि यह सच है, गुड सेमेरिटन कानून के बाद भी लोग अभी भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद करने से हिचकिचाते हैं।
राघवेंद्र कुमार ने कहा कि लोगों को गुड सेमेरिटन कानून के बारे में जानकारी भी नहीं है। सरकार को इस महत्वपूर्ण कानून का अधिक से अधिक प्रचार करने की जरूरत है ताकि लोग इसके बारे में जान सकें।