कोहरे को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा एडवाइजरी जारी
मौसम बदलने के साथ ही गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है और देखा जा रहा है पिछले कुछ दिन से जनपद मे घना कोहरा प्रारंभ हो चुका है, ऐसे में आवश्यक है कि सर्दी से बचा जाये तथा सड़क पर वाहन चलाते समय सुरक्षात्मक उपायों को अवश्य अपनाया जाये,
सर्दी व कोहरे को दृष्टिगत रखते हुए सड़क सुरक्षा उपायों को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा एडवाइजरी जारी
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा तथा अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार के कुशल के निर्देशन में जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी द्वारा शीत लहर से बचाव हेतु एवं सर्दी व कोहरे के दृष्टिगत सड़क सुरक्षा उपायों को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है।
जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी ने ड्राइविंग की सेफ्टी से जुड़ी जरूरी बातें बताई है। उन्होंने कहा कि चूंकि सर्दी का मौसम शुरू हो गया तथा हल्का कोहरा भी पड़ने लगा है। ऐसे में सड़क सुरक्षा उपायों को अपनाया जाना नितांत आवश्यक है। वाहन चालकों को सुरक्षा के टिप्स देते हुए कहा कि गाड़ी के फॉग लैम्प सही रखें। यदि आपकी गाड़ी के फॉग लैम्प काम नहीं कर रहे हैं तब उन्हें सही करवा लें। यदि कार में फॉग लैम्प नहीं हैं तो उसे जरूर फिक्स करवा लें। सर्दी के मौसम में जब धुंध होती है तब फॉग लैम्प बेहद कामगर साबित होते हैं। इसके साथ ही वाहन में लगे वाइपर को जरूर चेक करें। यदि आपकी कार के वाइपर की रबड़ थोड़ी सी भी खराब हो रही है, तो उसे भी बदलवा लें। सर्दी के मौसम में जब फॉग होता है या फिर ओस गिरती है, तब वाइपर विंडशील्ड को साफ करने का काम करते हैं।
सर्दी के मौसम में डिफॉगर का इस्तेमाल भी अत्यधिक कारगर सिद्ध होता है। सर्दी के मौसम में यदि बाहर धुंध ज्यादा है और आपकी कार में डीफॉगर दिया है, तब उसका इस्तेमाल करना चाहिए। कई बार रियर ग्लास पर मॉयश्चर आ जाता है, ऐसे में डीफॉगर की मदद से उसे जल्दी साफ कर सकते हैं। डीफॉगर ग्लास पर हीट जनरेट करता है जिससे मॉयश्चर खत्म हो जाता है। सुरक्षा के दृष्टिगत टायरों में प्रेशर ओवर नहीं होना चाहिए। सर्दी के मौसम में टायर का प्रेशर का सही रहना काफी जरूरी हो जाता है। खासकर हवा ज्यादा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। ठंड में ज्यादा नमी की वजह से सड़कें पूरी तरह सूखी नहीं होती। ऐसे में गाड़ी की स्पीड ज्यादा है और अचानक से ब्रेक लगाने पड़े तब कार के स्किड होना का खतरा रहता है। सर्दी में टायरों की रबर थोड़ी सिकुड़ जाती है।
उन्होंने यह भी बताया कि सर्दी में इमरजेंसी इंडिकेटर के इस्तेमाल से बचना चाहिए। बारिश के मौसम की तरह सर्दी के मौसम में भी इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन करने से बचना चाहिए। इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि गाड़ी मोड़ते वक्त आप इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं कर पाते। ऐसे में पीछे या आगे से आ रही गाड़ी से एक्सीडेंट होने खतरा बन जाता है। इसकी जगह हेडलाइट का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अतिरिक्त इंजन को गर्म होने देना चाहिए। जब भी आप सर्दी के मौसम में कार को स्टार्ट करते हैं, तब 5 मिनट तक इंजन को गर्म होने दें। इस दौरान आप एक्सीलेटर का इस्तेमाल नहीं करें। एक्सीलेटर का इस्तेमाल करने से कार के इंजन पर असर होता है।
खासकर आपकी गाड़ी में डीजल इंजन है तब उसे 5 मिनट तक स्टार्ट रखना जरूरी हो जाता है। बैटरी को चार्ज करते रहिये । जिन कार की बैटरी पुरानी हो चुकी है वे सर्दी के मौसम में प्रॉब्लम करने लगती हैं। ऐसे में बैटरी को सही करना सबसे जरूरी हो जाता है, क्योंकि कार का स्टार्ट होना बैटरी से जुड़ा होता है। ऐसे में यदि आप अपनी गाड़ी को डेली यूज नहीं करते हैं तब हर 3 दिन में कार को 5 से 6 किलोमीटर जरूर चलाएं। वाहन चालकों को एंटी फॉगिंग एलिमेंट का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। सर्दी के दिनों में कार के अंदर फॉग आना आम बात है। इसे दूर करने के लिए आप एंटी फॉगिंग स्प्रे, सिलिका जेल जैसे किसी एलिमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो कपड़े की छोटी पोटली में चावल भरकर भी रख सकते हैं। इससे कार के अंदर फॉग की प्रॉब्लम काफी दूर होगी।
दो पहिया वाहन चालकों को भी सर्दी के दौरान सुरक्षा उपायों जैसे हेल्मेट का अनिवार्य रूप से प्रयोग करनाए हेड लाइट व इन्डीकेटर सही रखना, आगे व पीछे प्लेट व वाइजर पर रेडियम रेफलेक्टर लगवाना तथा मोड़ पर वाहन एकदम धीमा करके दोनों तरफ देखकर ही मुड़ने एवं पर्याप्त मात्रा में ऊनी व गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है।
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