गंगा स्नान के दौरान दस वर्षीय बालक डूबा

बुलन्दशहर-अहार स्थित सिद्ध बाबा गंगा घाट पर शुक्रवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने आया एक दस वर्षीय बालक डूब गया।बालक अपने परिजनों के साथ स्नान के लिए पहुँचा था।गुरुवार को भी एक पचास वर्षीय युवक सिद्ध बाबा गंगा घाट पर डूब गया था,

गंगा स्नान के दौरान दस वर्षीय बालक डूबा

बुलन्दशहर-अहार स्थित सिद्ध बाबा गंगा घाट पर शुक्रवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने आया एक दस वर्षीय बालक डूब गया।

बालक अपने परिजनों के साथ स्नान के लिए पहुँचा था।गुरुवार को भी एक पचास वर्षीय युवक सिद्ध बाबा गंगा घाट पर डूब गया था,जिसका कोई पता नहीं चल सका।दो दिन में लगातार दो लोगों के डूबने से तहसील प्रशासन की लापरवाही उजागर हो रही है।

लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होने के बावजूद भी घाट पर नहीं व्यापक इंतजाम।


स्याना तहसील क्षेत्र के गांव औरंगाबाद ताहारपुर स्थित सिद्ध बाबा गंगा घाट पर प्रशासन की लापरवाही श्रद्धालुओं पर भारी पड़ रही है।गुरुवार को फरीदाबाद निवासी बिजेंद्र सिंह पुत्र किशोरी गंगा स्नान के लिए आया था।

और गंगा स्नान करते समय वह गहरे जल में चला गया और डूब गया।पुलिस द्वारा मोटरवोट बुलाकर उसकी तलाश करायी गयी लेकिन कोई पता नहीं चल सका था

।शुक्रवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर थाना सलेमपुर के गांव सहायपुर निवासी प्रमोद कुमार अपनी पत्नी व बच्चों के साथ सिद्ध बाबा गंगा घाट पर पहुँचा था,सभी लोग गंगा स्नान करने लगे उसी दौरान प्रमोद का दस वर्षीय पुत्र निक्कू भी किनारे से अंदर जाकर

नहाने लगा और अचानक से डूब गया।जिसकी जानकारी पुलिस को दी गयी और स्थानीय गोताखोरों से उसकी भी तलाश करायी गयी लेकिन कोई पता नहीं चल सका।

दो दिन में लगातार हुए दो हादसों से श्रद्धालुओं में आक्रोश व्याप्त हैं।श्रद्धालुओं का कहना है कि घाट पर सुरक्षा के कोई व्यापक इंतजाम नहीं है।बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को जल की गहराई का अंदाजा नहीं रहता है

और न ही घाट पर गोताखोर या मोटर वोट तैनात नही रहती है,जो हादसों के दौरान श्रद्धालुओं को बचा सके।

 
 
 
ठेकदार के हाथों में है मेले की व्यवस्थाओं की बागड़ोर

सिद्ध बाबा गंगा घाट पर प्रति माह लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते है।यहाँ कच्चा घाट बना हुआ है जहाँ डूबने का खतरा अत्यधिक होता है।

इसके बावजूद भी तहसील प्रशासन द्वारा घाट पर कोई व्यापक इंजताम नहीं किये जाते है।बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओ की भीड़ सिद्ध बाबा गंगा घाट पर उमड़ी थी लेकिन ठेकेदार द्वारा गहरे जल में नाममात्र बेरिकेटिंग कर दी गयी थी। कोई

चेतावनी बोर्ड या श्रद्धालुओं को चेतावनी देने के लिए लाउडस्पीकर की व्यवस्था घाट पर नहीं कि गयी थी।घाट पर मोटरवोट व गोताखोरों का इंतजाम भी नहीं था।

घाट पर चारों ओर गंदगी फैली रहती है।महिलाओं के लिए कपड़े बदलने की भी कोई उचित व्यवस्था घाट पर नहीं मिलती।साथ ही

कोई तहसील अधिकारी द्वारा भी मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लेने नहीं आया जाता जिसके कारण घाट पर अव्यवस्थाओ का बोलबाला रहता है।