गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन
जीपीए ने मुख्यमंत्री से की अपील अभिभावको पर फीस वृद्धि का बोझ न डाले सरकार

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों को फीस वृद्धि करने के आदेश को वापस लेने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपते हुये प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराया की आप प्रदेश की हालत से भलीभाँति परिचित है
पिछले लगभग 2 साल से भी ज्यादा समय से कोरोना वैश्विक महामारी के कारण प्रदेश के लाखों अभिभावको की नोकरी छूट गई , रोजगार बंद हो गये है और अभी तक पेरेंट्स के काम रोजगार मूलरूप से पटरी पर नही लोटे है
कोविड की असाधरण परिस्तिथियों और अभिभावको की आर्थिक हालत को मध्यनजर रखते हुये प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव श्रीमती अराधना शुक्ला जी द्वारा चुनाव से पूर्व दिनाँक 7-01-2022 को प्रदेश के समस्त शिक्षा बोर्डो के विद्यालयों द्वारा शिक्षा सत्र 2022-23 में फीस वृद्धि नही करने का आदेश पारित किया गया था
लेकिन चुनाव के समाप्त होते ही कोरोना की स्थिति को साधरण मानकर अपर मुख्य सचिव द्वारा दिनाँक 8-04-2022 को प्रदेश के समस्त बोर्डो के समस्त विद्यालयो को उपभोक्ता सूचकांक +5% लगभग 10 % फीस वृद्धि का आदेश पारित किया है
जिससे कि प्रदेश के समस्त अभिभावक आहत है क्या प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव ने कोविड को प्रदेश से समाप्त मान कर ऐसा निर्णय निजी स्कूलों के हित मे दिया है जबकि प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा कोरोना काल मे भी स्कूल बंद होने के बाद भी पेरेंट्स से पूरी फीस वसूल की गई अभिभावको के लाख प्रयासो के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा बंद स्कूलो द्वारा ऑन लाईन शिक्षा की फीस निर्धारित नही की गई और अब प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा सत्र शरू होने पर पेरेंट्स से किताब कॉपी और यूनिफार्म के नाम पर अवैध लूट की जा रही है
क्या फीस वृद्वि करने का आदेश प्रदेश के अभिभावको के साथ छल नही है ? गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने कहा कि अभी एक दिन पहले ही गाजियाबाद और नोएडा के निजी स्कूलों में बच्चे कोरोना संक्रमित पाये गये जिसके कारण स्कूलो को बंद करना पड़ा और स्कूलो द्वारा ऑन लाइन क्लास संचालित करनी पड़ी है
कोरोना की चौथी लहर दस्तक दे रही है केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यो के लगभग 80 करोड़ लोगों के लिए फ्री राशन देने की समय सीमा बढ़ा दी गई है बावजूद इसके प्रदेश के अभिभावको को आर्थिक रूप से पूर्णतया सक्षम मानते हुये प्रदेश की अपर मुख्य सचिव द्वारा कोरोना की स्थिति को साधरण मानते हुये प्रदेश के निजी स्कूलो को फीस वृद्धि का आदेश पारित किया जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है क्या प्रदेश सरकार निजी स्कूलों के समक्ष पूर्णतया समर्पण कर चुकी है ?
बड़ा सवाल यह भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनावों से पहले आदेश दिया था कि 2022 - 23 सत्र में स्कूल फ़ीस नहीं बढ़ाएंगे तोअप्रेल में ऐसा क्या बदल गया है कि यह आदेश बदल दिया गया है?
जिला फ़ीस नियामक समिति के अध्यक्ष होने के नाते गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी का भी दायित्व है कि वह अपने स्तर पर भी सोचें -
निजी स्कूलों की फ़ीस व की संरचना डी एफ आर सी से अप्रूवल के बिना क्यों लागू है?
किसी भी निजी स्कूल की पिछले 05 वर्षों की बैलेंस शीट सार्वजनिक क्यों नहीं है?
लाभ होने पर या रिज़र्व फंड को स्कूल क्यों नहीं प्रयोग करते-करते, और कब करेंगे और कैसे करेंगे क्या यह सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है?
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से निवेदन किया है प्रदेश के अभिभावको के हितों को ध्यान में रखते हुये फीस वृद्धि का आदेश वापस लिया जाए और साथ ही कोरोना की चौथी लहर की आहट को ध्यान में रखते हुये ऑन लाइन क्लास के अनुसार फीस का निर्धारण किया जाए ।
इस मौके पर यशपाल भाटी नरेश कसोना , कौशल ठाकुर , जसवीर रावत, शिवा सिंघल , हिमांशु दीक्षित , विमल शर्मा , संजय शर्मा , आदि सदस्य मौजूद रहे
सौजन्य से
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन