दिल्ली में जून माह की शुरुआत सुहावने मौसम के साथ

नई दिल्ली, 01 जून राष्ट्रीय राजधानी में जून माह का शुरुआती दिन अपेक्षाकृत ठंडा रहा और बादल छाए रहे।

दिल्ली में जून माह की शुरुआत सुहावने मौसम के साथ

नई दिल्ली, 01 जून राष्ट्रीय राजधानी में जून माह का शुरुआती दिन अपेक्षाकृत ठंडा रहा
और बादल छाए रहे।


सफदरगंज वेधशाला के अनुसार, न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामन्य से
छह डिग्री कम है।


भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दिन में बादल छाए रहने, हल्की बारिश होने तथा तेज हवाएं
चलने का अनुमान है। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है।


दिल्ली में बीते 36 साल में इस बार मई का महीना सबसे ठंडा रहा। आईएमडी ने बुधवार को बताया कि
मई में अत्यधिक बारिश के कारण औसत अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने
बताया कि दिल्ली में मई 1987 में औसत अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।


उन्होंने कहा, ‘इस साल मई में औसत अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1987 के बाद
से सबसे कम है।’


दिल्ली में मई में सिर्फ नौ दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया और सिर्फ दो दिन
शहर के कुछ हिस्सों में लू चली।


श्रीवास्तव ने बताया, ;सफदरजंग वेधशाला ने इस साल मानसून पूर्व सीजन में एक भी दिन लू नहीं दर्ज
की। ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है।

सफदरजंग वेधशाला में दर्ज तापमान को शहर का
आधिकारिक तापमान माना जाता है।


मई में आम तौर पर भीषण गर्मी पड़ती है और औसत अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज
किया जाता है।

इस बार मई में 111 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो 30.7 मिमी के दीर्घकालिक औसत
से 262 प्रतिशत अधिक है।


आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, मई के महीने में वर्ष 2008 में 165 मिमी, 2021 में 144.8 मिमी


और 2002 में 129.3 मिमी बारिश हुई थी जिसके बाद यह चौथा साल है जब मई में सबसे ज्यादा
बारिश हुई है।


मौसम वैज्ञानिकों ने इसका कारण बार बार पश्चिमी विक्षोभ का बनना बताया है।

श्रीवास्तव ने कहा, ;आमतौर पर अप्रैल और मई में पांच से छह पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी मैदानी इलाकों में
दर्ज किए जाते हैं। इस बार, हमने 10 पश्चिमी विक्षोभ देखे, जिनमें ज्यादातर मजबूत थे।


उन्होंने कहा, ;यह असामान्य है। हालांकि, हम इसे आंकड़ों के अभाव में जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़
सकते।