नए नोएडा के लिए गुजरात मॉडल पर होगा भूमि अधिग्रहण

नोएडा, 11 मई नए नोएडा का जमीन अधिग्रहण गुजरात मॉडल पर करने की तैयारी है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण के चीफ आर्किटेक्ट प्लानर (सीएपी) इस मॉडल का अध्ययन करने गुजरात जाएंगी।

नए नोएडा के लिए गुजरात मॉडल पर होगा भूमि अधिग्रहण

नोएडा, 11 मई ( नए नोएडा का जमीन अधिग्रहण गुजरात मॉडल पर करने की तैयारी है।
इसके लिए नोएडा प्राधिकरण के चीफ आर्किटेक्ट प्लानर (सीएपी) इस मॉडल का अध्ययन करने


गुजरात जाएंगी। गुजरात के अलावा हरियाणा और राजस्थान आदि राज्यों में भी जमीन अधिग्रहण
की प्रक्रिया देखी जाएगी।

मॉडल तय करने के बाद उसका बोर्ड में प्रस्ताव रखकर मंजूरी के लिए
शासन को भेजा जाएगा।


मास्टर प्लान पर तेजी से चल रहा है काम
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नए नोएडा का मास्टर प्लान-2041 तैयार किया जा


रहा है। मास्टर प्लान तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। शहर को बसाने के लिए
सबसे पहले जमीन अधिग्रहण किया जाना है। अभी तक तय नहीं हो सका है कि किसानों से जमीन


लेने की प्रक्रिया कैसी होगी? बुधवार को हुई बैठक में दिल्ली स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की
ओर से मास्टर प्लान और जमीन अधिग्रहण के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। यह रिपोर्ट अधूरी थी।


जिस पर सीईओ ने नाराजगी जताई है। मास्टर प्लान के लिए कुछ और निर्देश सीईओ ने दिए हैं।
इसके अलावा जमीन अधिग्रहण के लिए गुजरात मॉडल का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। सीईओ


ने बताया कि मुख्य तौर पर गुजरात के अलावा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और यूपी का आवास-


विकास विभाग की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया का अध्ययन करेंगे। इसके अलावा फाइनेंशियल प्रक्रिया
का भी अध्ययन किया जाएगा।

जो बेहतर होगा, उसे नए नोएडा के लिए लागू करेंगे।
नए शहर के लिए 1,000 करोड़ का बजट


पिछले महीने बोर्ड बैठक हुई। जिसमें नए नोएडा में जमीन अधिग्रहण के लिए एक हजार रुपये का


बजट तय किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सड़क बनाने और कुछ जरूरी इंडस्ट्री के लिए
प्राधिकरण सीधे किसानों से जमीन खरीदेगा।


क्या है गुजरात मॉडल
गुजरात में किसानों से जमीन लेकर विकसित की जाती है। इसके बाद 30 फीसदी जमीन किसानों


को वापस लौटा दी जाती है। इस जमीन का उपयोग किसान अपनी मर्जी से करते हैं। उद्योगों और
बिल्डरों के साथ मिलकर योजनाएं लाते हैं। साल 2014 में एक अध्ययन करवाया गया था। अध्ययन


ने छह मापदंडों का चयन किया। वित्त और कर, श्रम कानून, बुनियादी ढांचा और उपयोगिताओं से

संबंधित अनुमोदन, भूमि और भवन अनुमोदन, पर्यावरण मंजूरी और अन्य व्यावसायिक नियामक
अनुपालन इस अध्ययन के केंद्र में रहे। गुजरात भूमि संबंधी हस्तक्षेपों और पर्यावरण मंजूरी के लिए


ऑनलाइन तंत्र में सबसे अच्छा राज्य आंका गया था। उद्योगों के लिए सिंगल-विंडो क्लीयरेंस प्रदान
करने में महाराष्ट्र शीर्ष पर रहा है।

जबकि कर्नाटक में अप्रत्यक्ष करों के प्रबंधन में सबसे अच्छा
अभ्यास है।