पुलिस अधीक्षक बहराइच वृन्दा शुक्ला द्वारा पुलिस लाइन प्रेक्षागृह में 02 दिवसीय साइबर विवेचना/ साइबर सिक्योरिटी सम्बन्धी कार्यशाला का किया गया उद्घाटन

पुलिस अधीक्षक बहराइच वृन्दा शुक्ला द्वारा पुलिस लाइन स्थित प्रेक्षागृह में 02 दिवसीय साइबर विवेचना/ साइबर सिक्योरिटी सम्बन्धी कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया ।

पुलिस अधीक्षक बहराइच  वृन्दा शुक्ला द्वारा पुलिस लाइन प्रेक्षागृह में 02 दिवसीय साइबर विवेचना/ साइबर सिक्योरिटी सम्बन्धी कार्यशाला का किया गया उद्घाटन

साइबर सिक्योरिटी सम्बन्धी कार्यशाला का किया गया उद्घाटन

पुलिस अधीक्षक बहराइच वृन्दा शुक्ला द्वारा पुलिस लाइन स्थित प्रेक्षागृह में 02 दिवसीय साइबर विवेचना/ साइबर सिक्योरिटी सम्बन्धी कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया । इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर रामानन्द कुशवाहा, प्रतिसार निरीक्षक, पुलिस लाइन्स भुवनेश्वर सिंह, प्रभारी साइबर क्राइम थाना संतोष कुमार सिंह  तथा साइबर एक्टपर्ट  संजय मिश्रा (रिवील एफर्म टेस्टिफाई, नोएडा) मौजूद रहे ।

साइबर सुरक्षा पर कार्यशालाएं, साइबर खतरों से किसी संगठन, उसके कर्मचारियों, और परिसंपत्तियों की सुरक्षा के बारे में जानकारी देती हैं ।

इन कार्यशालाओं में साइबर सुरक्षा से जुड़ी अलग-अलग अवधारणाओं को शामिल किया गया है । इनमें साइबर अपराध, अपराध जांच में इस्तेमाल होने वाली तकनीक, और ट्रेंडिंग साइबर खतरों और सुरक्षा पर भी चर्चा की जाती है। साइबर सुरक्षा कार्यशालाओं में, हैक होने से बचने के लिए ज़रूरी बातों पर भी ध्यान दिया जाता है।इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा कार्यशाला में सम्मिलित सभी पुलिस अधिकारी/ कर्मचारी व मीडिया बन्धु को सम्बोधित करते हुये साइबर सुरक्षा कार्याशाला के आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया तथा इस कार्यशाला की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि साइबर अपराध बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं, इस साइबर दुनिया में आपके बारे में हर विवरण का किसी न किसी द्वारा शोषण किया जा सकता है।

सर्फिंग, डाउनलोडिंग, निजी जानकारी साझा करने व ऑनलाइन लेनदेन के दौरान सुरक्षित रहना बहुत ही बुनियादी ज़रूरत है। साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने की आवश्यकता है जिस हेतु यह आवश्यक है कि नियमित रूप से पुलिस फोर्स को साइबर सुरक्षा सम्बन्धी प्रशिक्षण मिलता रहे जिससे नितदिन होने वाले नए साइबर अपराध से निपटने के गुर सीख सकें तथा आमजन को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरुक कर सकें तथा साइबर अपराध की विवचेना व उसके अनावरण करने हेतु पुलिस की कार्यक्षमता में बढ़ोत्तरी हो सके ।

इसके दृष्टिगत पुलिस लाइन स्थित प्रेक्षागृह में 02 दिवसीय साइबर विवेचना/ साइबर सिक्योरिटी सम्बन्धी कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें साइबर एक्सपर्ट श्री संजय मिश्रा (रिवील एफर्म टेस्टिफाई, नोएडा) को आमंत्रित किया गया है जो साइबर सुरक्षा सम्बन्धी महत्वपूर्ण व संवेदनशील जानकारी पुलिस कर्मियों से साझा करते हुए साइबर क्राइम से निपटने के गुर सिखाएंगे । कार्यशाला में जनपद के विभिन्न थानों/ शाखाओं से निरीक्षक, उप निरीक्षक, प्रशिक्षु उ0नि0, मुख्य आरक्षी तथा आरक्षी स्तर के अधिकारी/ कर्मचारीगण तथा साइबर हेल्प डेस्क पर कार्यरत करीब 250 अधिकारी/ कर्मचारीगण इस आशय से प्रतिभाग कर रहे हैं कि पुलिस विभाग साइबर अपराधों को रोकने के बेहतर गुर सीख कर अपनी कार्यक्षमता को बढ़ा सकें तथा आम जनमानस को विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों के प्रति सुरक्षा प्रदान कर सके ।

कार्यशाला में साइबर एक्सपर्ट द्वारा विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध से किस तरह स्वयं का बचाव किया जा सकता है एवं किस तरह से इस अपराध को अंजाम देने वालों के द्वारा आपके निजी डाटा में सेंध लगाकर आपसे ठगी की जाती है की बात बताई । उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी सूचना को एकत्रित कर साइबर ठगी को अंजाम देते हैं। इससे बचने के लिये कंम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल व सोशल मीडिया के लिये मजबूत पासवर्ड बनाने तथा कोई भी पासवर्ड बनाने के लिए नाम व वर्ड लिखने के प्रयोग से भी परहेज करने की बात बतायी गयी। सिर्फ विश्वसनीय वेबसाईट से नि:शुल्क सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने एवं महत्वपूर्ण डाटा का नियमित बैकअप रखने की बात कही गयी। साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिसके बारे में कुछ पता भी नहीं चलता है और लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।

कभी- कभी मोबाइल या ईमेल पर कोई मैसैज या ईमेल आता है जिसमें बैंक खाते में कुछ समस्या होने के बारे में बताया जाता है और कस्टमर केयर से बात करने की बात लिखी होती है जिसपर लोग गूगल से कस्टमर केयर का नंबर सर्च करने लगते है । साइबर अपराधी द्वारा पूर्व में ही कीवर्ड सर्च हेतु फेक कस्टमर केयर का नंबर डाल दिया जाता हैं। फोन करने पर ग्राहक की बैंकिंग सम्बन्धी निजी विश्वशनीय जानकारी फेक कस्टमर केयर द्वारा ले ली जाती है और रुपये की निकासी कर ठगी कर ली जाती है।

मोबाइल से किसी भी प्रकार की फेक एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं करने की सलाह दी। बताया कि इसे डानलोड करने से आपका सारा डेटा चुराकर ठगी/ ब्लैकमेलिंग की जा सकती है । साइबर अपराध में संलिप्त अपराधी कम्प्यूटर क्राइम, हैंकिंग, स्वैपिंग, इंफॉर्मेंशन की चोरी, आईडेंटिटी थेफ्ट, ऑनलाईन फ्रॉड, क्लोनिंग के अलावा कई माध्यम से ठगी करते हैं जिसके सम्बन्ध में पुलिस बल को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ।