सत्य की पराकाष्ठा" पर आर्य गोष्ठी सम्पन्न

सत्य,ज्ञान,कर्म व वचन सत्यवादी की है पहचान-अनिता रेलन**पं.गुरूदत्त विद्यार्थी महर्षि दयानंद के सिद्धान्तों के प्रसारक थे-अनिल आर्य*

सत्य की पराकाष्ठा" पर आर्य गोष्ठी सम्पन्न

गाजियाबाद,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में "सत्य की पराकाष्ठा" विषय पर व वैदिक मनीषी पं.गुरूदत्त विद्यार्थी के 158 वें जन्मदिन पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया ।पं.गुरूदत्त विद्यार्थी का जन्म 26 अप्रैल 1864 को मुल्तान(अब पाकिस्तान) में हुआ था । यह कोरोना काल में 389 वां वेबिनार था।

मुख्य वक्ता अनीता रेलन (प्रबंधक,केनरा बैंक नई दिल्ली) ने कहा कि सत्यम शिवम सुंदरम ईश्वर सत्य है,सत्य शिव कल्याणकारी शुभ आनंदकारी भोला एवं सरल है इस सृष्टि का कर्ता एवं अंतिम सत्य है और मानव जीव का अंतिम लक्ष्य


मन वचन कर्म में सत्यता होना सत्य हैं,कई उदाहरण  देते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह सत्यवादी हरिश्चंद्र अपने वचन के लिए सर्वस्व निछावर कर देते हैं महात्मा बुध सत्य की खोज में निकल पड़ते हैं

महात्मा गांधी का सत्याग्रह आंदोलन जैसे उदाहरण देते हुए अपने वक्तव्य को रखा सत्य ज्ञान कर्म और वचन की त्रिवेणी है सत्यवादी व्यक्ति की पहचान है वह अपनी बात पर दृढ़ संकल्प रहता है

सत्य परब्रह्म है, तप है,यज्ञ है,सबसे बड़ी बात स्वयं का अनुभव है,एक ऐसा भाव है जो पवित्रता और अहिंसा का प्रतीक है सच बोलने में सर्वेभवन्तु सुखिनः का सिद्धांत छिपा है,सत्यमेव जयते की संस्कृति को स्मरण कराया।

उन्होंने कहा सत्य परेशान भले हो जाए पराजित नहीं होता।सत्य को योग से,आर्य समाज के नियमों से, जोड़ते हुए बहुत सुंदर व्याख्यान दिया अंत में बताया सत्य ईश्वर का पर्याय है,सत्य ही हमारा जीवन है, हमारी सांसे हैं, हमारी क्रियाएं हैं,

यदि हम सत्य के लिए जीना सीख जाए तो सभी नियमों का पालन सरल हो जाए जिस प्रकार प्रेम की पराकाष्ठा भक्ति है उसी प्रकार सत्य की पराकाष्ठा अहिंसा और संसार का सबसे बड़ा सत्य है मृत्यु, सबसे बड़ा सुख है आत्म संतोष की भावना और सत्य की पहचान है स्वयं का अपना अनुभव सत्य संस्कारों से पोषित सत्य आदर्शों का पर्याय 


सत्य का अपना ही राग है,अपना ही अलग संगीत सत्य का अपना धरातल सत्य की अपनी ही मंजिल सत्य का एक छोर  जीवन तो दूसरा छोर मृत्यु है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सत्यवादी की एक अलग पहचान व समाज में प्रतिष्ठा होती है,क्षणिक लाभ या सुख के लिए असत्य का सहारा नहीं लेना चाहिए।उन्होंने प.गुरूदत्त विद्यार्थी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महर्षि दयानंद के बाद उनके मिशन को आगे बढ़ाया व सिद्धान्तों के प्रचार के लिए जीवन होम कर दिया।आप अदभुत वक्ता,वेद मनीषी थे आज वेद प्रचार को आगे बढ़ाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मुख्य अतिथि पुष्पा शास्त्री व अध्यक्ष कमलेश चांदना(मेरठ) ने भी सत्य के उदाहरण देकर जीवन में सत्य अपनाने पर जोर दिया । राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि सत्य की शक्ति के आगे जमाना झुकता है।

गायक तेजिंदर सिंह,सिम्मी सचदेवा,प्रवीना ठक्कर,सुमित्रा गुप्ता(90 वर्षीय),रजनी गर्ग, सुनीता अरोड़ा,जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया,कमला हंस, ईश्वर देवी,डॉ सुदेश चुघ आदि के मधुर भजन हुए ।