स्कूल की घटना के साक्ष्य छिपाने वालों पर होगी कार्रवाई
भोपाल, 16 सितंबर ()। बिलाबॉन्ग स्कूल बस में ड्राइवर के साढ़े तीन साल की मासूम से दुष्कर्म के मामले में राज्य सरकार सख्त हो गई है।
भोपाल, 16 सितंबर (। बिलाबॉन्ग स्कूल बस में ड्राइवर के साढ़े तीन साल की मासूम से
दुष्कर्म के मामले में राज्य सरकार सख्त हो गई है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि
मामले में स्कूल की संपत्ति की भी जांच होगी। इस मामले में हर पहलू की जांच की जा रही है।
बिलाबॉन्ग स्कूल की छोटे बच्चों की एक संस्था कंगारू किड्स की भी जांच होगी। मौजूद स्टाफ से
पूछताछ की जाएगी।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने स्कूल पर बुलडोजर चलाने को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि फिलहाल
स्कूल पर बुलडोजर की कार्रवाई नहीं की जाएगी। वहां पढ़ रहे हजारों बच्चों के भविष्य की सरकार को
चिंता है। जिन लोगों ने मामले को दबाने की कोशिश की है, उन पर कार्रवाई होगी। बच्चों के भविष्य
को देखते हुए बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा। इससे पहले भोपाल के बिलाबॉन्ग स्कूल प्रबंधन पर
एसआईटी ने एफआईआर दर्ज की है। इसमें स्कूल के चेयरपर्सन प्रमोटर नज्म जमाल, चेयरमैन
ऑपरेशन फैजल अली, प्रिंसिपल आशीष अग्रवाल और ट्रांसपोर्ट मैनेजर सय्यद बिलाल को आरोपी
बनाया गया है। इन पर मामला दबाने और लापरवाही करने के साथ पॉस्को एक्ट के तहत मामला
दर्ज किया गया है। गुरुवार को एसआईटी की टीम स्कूल पहुंची थी। जहां स्कूल बसोें में सुप्रीम कोर्ट
की गाइडलाइन और परिवहन विभाग के निर्देशों के उल्लंघन की बात सामने आई थी। जिसके बाद
एसआईटी ने चेयरमैन समेत चार अन्य के खिलाफ भी केस दर्ज किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह 7 बजे बिलाबॉन्ग स्कूल मामले की समीक्षा के लिए
अधिकारियों को तलब किया था। उन्होंने अधिकरियों को दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने और जल्द
से जल्द सजा दिलाने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। साथ ही उन्होंने पुलिस और स्कूल शिक्षा
विभाग से कार्रवाई के संबंध में भी जानकारी मांगी थी। इसके बाद आनन-फानन में पुलिस ने सड़क
पर उतरकर स्कूल बसों की जांच की। वहीं, सुबह ही स्कूल शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के
अधिकारी जांच करने के लिए स्कूल पहुंचे थे।
बिलाबॉन्ग स्कूल के बस ड्राइवर ने 8 सितंबर को साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।
इसमें बस में मौजूद महिला अटेंडर ने भी बच्ची को नहीं बचाया। इस मामले में बच्ची के माता-पिता
ने स्कूल प्रबंधन को शिकायत की थी। स्कूल प्रबंधन ने मामले में लीपापोती कर क्लीन चिट दे दी
थी। जिसके बाद बच्ची के माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने 12 सितंबर को केस दर्ज किया।
आरोपी ड्राइवर और महिला अटेंडर को गिरफ्तार कर लिया गया।